Maharathi drama: नाटक 'महारथी' का मंचन, दिखाई पिछड़े वर्ग के लोगों की पीड़ा

Maharathi drama: नाटक 'महारथी' का मंचन, दिखाई पिछड़े वर्ग के लोगों की पीड़ा

Ananya soch:  Maharathi drama

अनन्य सोच।  Maharathi drama: परंपरा नाट्य समिति की ओर से तीन दिवसीय समारोह की शुरुआत रवीन्द्र मंच पर बुधवार को 'महारथी' नाटक ( Maharathi drama) के मंचन से हुई. रंग मस्ताने संस्था द्वारा नाट्य ल खक विभांशु वैभव द्वारा लिखित एवं युवा निर्देशक अभिषेक मुद्दल द्वारा निर्देशित ये नाटक कर्ण के जीवन की कहानी पर आधारित है. नाटक महारथी सूर्य पुत्र कर्ण के जीवन पर आधारित है. ये नाटक वर्तमान की स्थिति को भी दर्शाता है कि किस प्रकार आज भी पिछडे समाज के लोगों के साथ लोग दुर्व्यवहार करते हैं. नाटक में राज्य की रणशाला में द्रोणाचार्य द्वारा अर्जुन को त्रिकाल में त्रिलोक का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर घोषित किया जाता है. जिसका कर्ण विरोध करता है लेकिन उसे अपने कौशल का स्वाशाला में प्रदर्शन नहीं करने दिया जाता और गुरु द्रोण द्वारा उसे शूद्र और नीच कहकर अपमानित करते है.

कर्ण के पक्ष में दुर्योधन सामने आता है और उसे अंगराज्य का राजा घोषित करता है. लेकिन इसके बावजूद भी उसे अपने पौरुष बल का प्रदर्शन नहीं करने दिया जाता है. कृष्ण द्वारा कर्ण को दुर्योधन का साथ छोड़ने के लिए कहना और उसे ये बताना की तुम कुंती के सबसे बड़े पुत्र हो. ये दृश्य दर्शाते हैं कि कर्ण के पास अधिकार होते हुए भी उसे उन सब से वोचत रखा गया. अंत के दृश्य में मारा गया संसार का श्रेष्ठतम योद्धा दानवीर महारथी मारा गया. हां मेरा पुत्र कर्ण मारा गया कुंती का यह अंतर्नाद उस कृष्ण को भी स्तब्ध कर देता है जिसने महाभारत की राजनीतिक उठापटक का संचालन करते समय कर्ण के साथ अन्याय को होने दिया.

-कास्ट और क्रू मेम्बर्स- नाटक में इन कलाकारों ने किया काम
प्रांजल उपाध्याय-अर्जुन 
देवेन्द्र स्वामी-दुर्योधन 
दीपक सैनी-कर्ण 
विवेक जाखड़- द्रोणाचार्य 
किशोर- कोरस 
फैजान खान- कोरस 
सुनील सैनी- कृष्ण 
अक्षय मीणा- दुशासन 
दिव्यांश शिवनानी- कोरस
श्वेता चौलागाईं- कुंती 
नवीन शर्मा - कोरस
निपुण माथुर- कोरस

प्रोड्यूसर-  गरिमा सिंह 

लाईट्स- अमित चौधरी