भ्रष्टाचार के चक्रव्यूह में फंसा ईमानदार अफसर
Ananya soch
अनन्य सोच। आरजे 14 आर्ट एण्ड वेलफेयर सोसायटी द्वारा प्रस्तुत चक्रव्यूह नाटक का मंचन शनिवार को रवींद्र मंच के मिनी थियटर में हुआ.
नाटक के माध्यम से यह दर्शाया गया है कि किस तरह से मुख्य किरदार, कैलाशनाथ जो, ईमानदार और कर्त्तव्य निष्ठ व्यक्ति हैं, पेशे से सरकारी नौकरी करते हैं.
वह अपने कर्तव्य के प्रति इतना ईमानदार एवं वफादार है कि वह कोई भी गलत कार्य नहीं होने देता है.
उसके ऑफिस में एक इंजीनियर की पोस्ट की वैकेंसी निकलती है. इस पोस्ट के इंटरव्यू के लिए उसके पास उसके उच्च अधिकारियों नेताओं मंत्रियों की सिफारिश आने लगती है.
इतना ही नहीं उसके पास उसकी बीवी, साली, रिश्तेदार, समाज के लोग, मित्रगण एवं विभिन्न भाषाई लोगों की भी सिफारिश आती है.
वह सिफारिशों के इस चक्रव्यूह में इस कदर फस जाता है कि क्या करें उसके समझ में नहीं आता है? उसका मानना है कि जब तक सिफारिशे चलती रहेगी, तब तक काबिल व्यक्ति को ना तो नौकरी मिलेगी एवं ना ही देश का विकास हो सकेगा.
उसके इस फैसले से उसके बीवी बच्चे, मित्रगण उसका साथ छोड़ देते हैं, उसके बावजूद भी वह काबिल व्यक्ति को ही नौकरी पर रखता है.
नाटक में मृणाल चौपड़ा, नीतू मिश्रा, मनोज इडिवाल, अर्ष खान, तरूण शर्मा, असलम कुरैशी, मुस्कान भारद्वाज, कुनाल सैनी, खुशी शर्मा ने दमदार अभिनय कर अपने किरदार को जीवंत किया.