Jawahar Kala Kendra: प्रेम पतंगा में दिखी प्यार और करियर के बीच संघर्षों की कहानी

अनन्य सोच। जवाहर कला केंद्र (Jawahar Kala Kendra) की पाक्षिक नाट्य योजना के तहत प्रेम पतंगा नाटक का मंचन शुक्रवार को रंगायन में किया गया. विमल चंद्र पांडे की कहानी पर आधारित इस नाटक का निर्देशन सौरभ अनंत ने किया है. यह नाटक कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र मुरारी और वेदिका के प्रेम और संघर्षमयी जीवन की कहानी है. यह एक यथार्थवादी नाटक है लेकिन नाटक के बीच-बीच में हास्य और व्यंग्य के पुट भी जोड़े हैं. नाटक प्रेम पतंगा में अंकित पारोचे ने मुरारी और श्वेता केलकर ने वेदिका का किरदार निभाया है। रंग मंच पर यह प्रेम पतंगा का 12वां मंचन रहा. 

प्रेम पतंगा वाराणसी के रहने वाले नायक कृष्ण मुरारी की प्रेम कहानी है. वह मध्यम वर्गीय परिवार से है दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई के दौरान उसे अपनी सहपाठी वेदिका से प्यार हो जाता है. वह अपनी भावनाओं को उन दोस्तों के साथ साझा करता है लेकिन प्यार का इजहार नहीं कर पाता. एक तरफ मुरारी पर करियर बनाने का दबाव होता है, दूसरी तरफ इजहार करने और अपने प्यार को पाने का दबाव होता है. अंत में नाटक का अंत सुखद नोट्स के साथ हुआ. मधुर लोकगीतों का संयोजन भी नाटक में किया गया. 

नाटक में रंग सामग्री एवं वेशभूषा स्वेता केतकर की है जबकि गीत संगीत हेमंत देवलेकर ने दिया है. नाटक में लाइव म्यूजिक के साथ शिल्पकला और ​मूर्तिकला के अंश भी देखने को मिले. नाटक में अंश जोशी, हर्ष झा, रुद्राक्ष भाईरे, शुभम कटियार, ईशा गोस्वामी, स्नेहा बाथरे, कोमल पांडे, जिया, हेमंत देवलेकर, मिलन, आयुष लोखंडे, कैलाश राजेके और दीपक यादव ने सह कलाकारों की भूमिका निभाई है.