show 'Batiyan Ki Gali': पिता बनाने चाहते थे शिक्षाविद् पर ‘बैंककर्मी’ बनकर ‘सिंगर’ बन गया-संजय रायजादा

show 'Batiyan Ki Gali': प्रियदर्शिनी मिश्रा के शो ’बतियन की गली में रूबरू हुए सिंगर संजय रायजादा

show 'Batiyan Ki Gali': पिता बनाने चाहते थे शिक्षाविद् पर ‘बैंककर्मी’ बनकर ‘सिंगर’ बन गया-संजय रायजादा

Ananya soch: show 'Batiyan Ki Gali'

अनन्य सोच, जयपुर।show 'Batiyan Ki Gali': रंगकर्मी और थिएटर इन एजूकेशन एक्सपर्ट प्रियदर्शिनी मिश्रा के चर्चित टॉक शो ‘बतियन की गली’ के सजीन-3 का तीसरा एपीसोड शनिवार को आरोहिणी कथक डांस अकादमी परिसर में आयोजित किया गया. इस बार प्रदेश में महेन्द्र कपूर की आवाज़ कहे जाने वाले गायक संजय रायजादा ने अपने सफ़र के अनुभव सुनाए. इस मौके पर प्रियदर्शिनी मिश्रा ने उनसे कई रोचक सवालों के जरिए उनके कैरियर के विभिन्न पहलुओं को जीवंत किया.

गाने में कराओके सिस्टम आने से संगीत को फायदा हुआ या नुकसान. इस सवाल के जवाब में संजय ने कहा लाइव इंस्ट्रूमेंट के साथ परफार्म करने के लिए अधिक रियाज़ और विधिवत सीखने की आवश्यकता होती है,  जबकि कराओके सिस्टम एक शार्टकट तरीका है जो गायक को सम्पूर्णता नही प्रदान करता है ,साथ ही श्रोताओं को भी पूर्ण संतुष्ट नही कर पाता है. 

संजय ने बातचीत में बताया कि उनके पिताजी एक प्रोफेसर व साहित्यकार थे इसलिए उनकी इच्छा थी कि मै भी शिक्षाविद् बनकर ही अपनी रोजी रोटी कमाऊं, किन्त्तु जब मैं बैंक जॉब के साथ साथ संगीत करने लगा तो उन्होंने पूरा सपोर्ट किया. 

उन्होंने कहा कि संगीत अनवरत सीखने और साथ साथ में साधने की कला है इसलिए एक सफल कलाकार बनने के लिए दोनों का साथ होना आवश्यक है. 

डॉ. गरिमा कुमावत को दिया गया कर्मठ युवा सम्मान

बतियन की गली आयोजन समिति की ओर से विभिन्न कला क्षेत्रों में उत्कर्ष और प्रभावी काम करने वालें युवाओं को सम्मानित करने के लिए ‘कर्मठ युवा’ सम्मान की शुरुआत की गई है ताकि युवा कलाकार नवीन सृजन करने के लिए प्रेरित रहें. तीसरी कड़ी में ये सम्मान जयपुर की युवा शास्त्रीय गायिका डॉ. गरिमा कुमावत को दिया गया. गरिमा प्रदेश के जाने-माने गायक डॉ. हनुमान सहाय की शिष्या हैं। कलाकार को ये सम्मान संजय रायजादा, सर्वेश भट्ट, संयोजक कपिल शर्मा और शोे की संरक्षक नीता उपाध्याय ने भेंट किया. 

ये सीरीज थिएटर इन एजूकेशन स्पेशलिस्ट एवम रंगकर्मी प्रियदर्शिनी मिश्रा द्वारा क्युरियो, आरोहिणी कथक डांस अकादमी, ओरियन ग्रीन्स और टी ट्रेडिशन के सहयोग से की जा रही है। इस सीरीज में काव्य, नाट्य प्रस्तुति, किस्सागोई, स्टोरी टेलिंग, लाइव पेंटिंग, संगीत, नृत्य, स्कल्पचर के साथ टॉक शोज़ भी होते है जो शहर में अमूमन होने वाले टॉक शो से अलग है इसमें आने वाले कलाकार के रचनाकर्म पर चर्चा के साथ-साथ उनके क्रिएशन का प्रदर्शन भी किया जाता है।