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Ananya soch: Gadar-2 director Anil Sharma
अनन्य सोच,जयपुर। anil sharma gadar- 2: गदर-2 के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने मिराज सिनेमा में मीडिया से सवाल के जवाब में कहा कि ये फिल्म का उत्सव है. पूरे भारत में उत्सव मनाया जा रहा है. पहली बार ऐसा लगा रहा है, कि पूरी इंडस्ट्री बहुत खुश हैं और सब एक-दूसरे की तारीफ कर रहे हैं. लोगों को लग रहा है, कि सिनेमा फिर से जिंदा हो गया है। सिंगल स्क्रीन भी चल पड़े हैं.
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-अनिल और सनी खत्म हो चुके हैं:
लोगों ने कहा, अनिल और सनी खत्म हो गए हैं. इनके पास गदर का झुनझुना है बस उसे बजाते हैं. सच ये है, कि हमने गदर टाइटल को भुनाने की नहीं सोची थी. भुनाते तो 15-18 साल पहले अनाउंस कर देते. हमने सोचा था, कि जब तक 100 प्रतिशत पुश्ता कहानी नहीं मिलेगी, तब तक नहीं बनाएंगे. 3 साल पहले कहानी आई और फिल्म अनाउंस कर दी. प्रोमो के टाइम भी लोगों ने कई कमेंट किए. वीएफएक्स पर भी बात की, लेकिन इसमें वीएफएक्स न के बराबर है. सब रियल करने की कोशिश की गई है.
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-उम्मीद के हिसाब से चली फिल्म
जब पहली गदर बनी थी तो 17 करोड लोगों ने देखी थी. मैं जानता था कि 5 करोड़ लोग आज भी एक्टिव होंगे और गदर देखने जाएंगे. पहले कह दिया था, कि 500 करोड़ का बिजनेस जरूर होगा और ईशवर ने शायद मेरी बात सुन ली.
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बेटे की वजह से पहचाना जाउ:
हर पिता को अच्छा लगता है, कि उसका बेटा आगे बढ़े। बस मैं यही चाहता हूं, कि अभी तक अनिल शर्मा के नाम से उसे पहचाना जाता है, लेकिन एक दिन आए जब उत्कर्ष के नाम से मुझे पहचाना जाए.
पुरानी भावनाएं लाना महत्वपूर्ण था:
उन्होंने कहा, गदर-2 की योजना बना रहा था तो पहली "गदर की वजह से दबाव था. क्योंकि वह फिल्म दर्शकों को बेहद पसंद आई थी और दर्शक 2 दशक बाद भी उसी कहानी से कनेक्ट थे. गदर 2 में उसी भावना और पुरानी यादों को लाना महत्वपूर्ण था.
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हैंडपंप नहीं उखाड़ने के सीन को कोई स्ट्रेटजी नहीं:
उन्होंने गदर-2 में हैंडपंप नहीं उखाड़ने के सीन को स्ट्रेटजी नहीं बताया. उनका कहना था, कि स्क्रिप्ट स्ट्रेटजी से नहीं लिखी जाती है, बल्कि दिल से लिखी जाती है. तारा सिंह के किरदार के साथ चल रही थे. तारा सिंह को तंत्र कथा के किरदार की तरह लिया है. वह एक कहानी बन गया है. हमने सोचा था, कि पाकिस्तान में ऐसी कहानी चल रही होगी, कि हैंडपंपर उखाड़ना आदि. ऐसे में सिर्फ डर दिखाना जरूरी था.
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याद है वीर का इंसीडेंट:
उन्होंने जयपुर में शूट की गई वीर मूवी के इंसीडेंट को भी याद किया और कहा, हां मुझे सब याद है. आमेर महल में दीवार टूट गई थी और हमने उसे रिपेयर कराया था. उस समय शूट करना आज भी जहन में है.
लोग करते हैं ऑस्कर की बात:
लोग फिल्म को ऑस्कर में भेजने के लिए बार-बार फोन कर रहे हैं. "गदर 2" को अवार्ड के लिए जाना चाहिए, क्योंकि फिल्म इसकी हकदार है. मुझे आत्मिक संतोष है कि मेरी फिल्म किसी की रोजी रोटी के काम आई.