Srijan The Spark Jaipur: अल्फाज और आवाज में चला नगमों का दौर

सृजन द स्पार्क जयपुर की ओर से आयोजित कार्यक्रम के अंत में मैंबर्स ने उठाया क्रिकेट का आनंद

Srijan The Spark Jaipur:  अल्फाज और आवाज में चला नगमों का दौर

Ananya soch: Srijan The Spark Jaipur

अनन्य सोच| Srijan The Spark Jaipur: 'लब्ज भीगे हैं..', 'हवा के जैसा गुजर गया..', 'मोहब्बत में ना जाने क्यों..' जैसी दर्शकों की पसंदीदा गजलों को सुन माहौल में मौज उठ गई। भारत के 50-60 दशक के लोक्रप्रिय गीतों को शायरियों (Shayari to popular songs) से बांध नए अलफाज और अंदाज में प्रस्तुत किया. इस दौरान 'अभी ना छोड़ के..', 'कभी कभी मेरे दिल में..', 'जिंदगी के सफर में..' आदि नग्मों से कलाकारों ने रसिक श्रोताओं से तारीफ पाई.

कुछ ऐसा सुरमई नजारा था 'अलफाज़ और आवाज' कार्यक्रम का. सृजन द स्पार्क जयपुर की ओर से आरआईसी में हुए प्रोग्राम में सृजन द स्पार्क जयपुर चीफ पैट्रन आईपीएस प्रसन्ना खमेसरा, चेयरमैन राजेश नवलखा और प्रेजिडेंट सुरेश ढड्ढा ने कलाकारों का स्वागत किया.

छा गई सुरों की जोड़ी:
कंपोजर-सिंगर राजेश सिंह और गजल लेखक अजय पांडेय की जोड़ी ने कार्यक्रम को सुरों में पिरोया.

उन्होंने अपने तैयार किए जा चुके संगीत को दर्शकों के सामने प्रस्तुत किए. इसमें यूट्यूब पर 2 करोड़ व्यूज पार कर चुका 'लब्ज भीगे हैं..' खास रहा. एल्बम में प्राची देसाई मुख्य भूमिका में दिखाई दे रही हैं.

वहीं इंस्टाग्राम में वायरल हो चुके संगीत को श्रोताओं की फरमाइश पर प्रस्तुत किया.

इस दौरान देश और विदेश में लाइव कॉन्सर्ट कर चुके राजेश सिंह ने गालिब, कबीर दास, बुल्ले शाही, हजरात आमिर खुसरो, निदा फजली जैसे रचनाकार और समकालीन कवियों की कविताओं को सुर देते हुए सादगी से नग्मों में पेश किया. वहीं पंकज उदास की आखरी तीन गललों के लेखक अजय पांडेय ने हर गाने के बाद शायरियों का दौर चालू रखा.


गायक रोबिन काला, प्रियंका कानूनगो और संजीव जैन ने भी अपनी आवाज का हुनर प्रदर्शित करने के लिए मंच प्रदान किया गया. कार्यक्रम के अंत में मैंबर्स के लिए टी-20 फाइनल मैच की लाइव स्क्रीनिंग का आयोजन हुआ.