jkk: कार्यशाला से जाना मंच शिल्प के बिना नाटक अधूरा 

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की मंच पार्श्व कार्यशाला का चौथा दिन 

jkk: कार्यशाला से जाना मंच शिल्प के बिना नाटक अधूरा 

Ananya soch : jkk

अनन्य सोच, जयपुर।  राजस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा कला संसार के तहत जवाहर कला केन्द्र की सहभागिता में आयोजित मंच पार्श्व  कार्यशाला के चौथे दिन शुक्रवार को प्रतिभागियों ने विशेषज्ञ फ़िरोज़ खान से मंच शिल्प  की बारीकियां सीखी. अकादमी अध्यक्ष बिनाका जेश ने बताया की राज्यमंत्री एवं वरिष्ठ नाट्य विद रमेश बोराणा की परिकल्पना के अनुसार तीन प्रशिक्षक बुलाए गए, जिसमें  केरल में जन्मे फ़िरोज़ खान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली से  डिजाइन एवं डायरेक्शन में स्नातक हैं. फ़िरोज़ खान ने स्टेज  क्राफ्ट के विभिन्न पहलुओं में से स्टेज अभिकल्पन के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने अभिकल्पन के बुनियादी तत्वों पर चर्चा करते हुए मंच पर सेट तैयार करते हुए रंग तकनीक और सौंदर्य बोध के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि कलाकार और दृश्य के अनुरूप किस तरह प्रकाश व प्रॉपर्टी को इस्तेमाल करना चाहिए. उनके स्थान निर्धारण में आर्टिकल्स के आकार,  रंग और फॉर्म के अंतर्सबंधों को व्याख्यायित किया. अलग-अलग आकृतियों को बनाना और उनके इस्तेमाल के व्यवहारिक पक्ष को भी समझाया. उसमें संतुलन बनाते हुए रिदम को कायम रखने के बारे में बताया. किसी भी आकृति और फॉर्म का सेट एवं दर्शकों के पड़ने वाले प्रभाव के मनोविज्ञान को भी समझाया गया. एक बेहतर प्रपोर्शन के मंच अभिकल्पना में महत्व को भी बताया. स्पेस के विभाजन की तकनीक पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि मनुष्य  की दैहिक लाइन और सोच की एनाटोमी एक  जैसी है.