Bollywood actress Chitrangada Singh: बॉलीवुड एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह ने कहा, पूरी दुनिया में ट्रेवल करती हूं और लोगों को कहती हूं राजस्थान जरूर घूमे- चित्रांगदा
अर्चना बैराठी। फिक्की फ्लो के प्रोग्राम में शिरकत करने आई एक्ट्रेस ने की प्रदेश के हैंड वर्क को सपोर्ट करने की बात.
Ananya soch: FICCI FLO Jaipur Chapter
अनन्य सोच। Bollywood actress Chitrangada Singh: लोग हमारी कारीगरी भूलते जा रहे हैं या वो खो रही है। कोई बचा ही नहीं है इसे जिंदा रखने के लिए। ये बहुत अच्छी पहल है जयपुर वालो की, जिससे राजस्थान की आर्ट जिंदा रहेगी. मैं जोधपुर में पैदा हुई थी. बहुत अच्छा फील करती हूं इस प्रदेश में आकर. मेरे पिता आर्मी में थे तो ज्यादा समय यहां नहीं बिता पाई। यह कहना था बॉलीवुड एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह का, जो FICCI FLO Jaipur Chapter के प्रोग्राम में हिस्सा लेने जयपुर आई थीं. इस मौके पर उन्होंने अपनी जर्नी और प्रदेश के हैंड वर्क के कारीगरों पर बात की.
उन्होंने कहा, कि मैं पूरी दुनिया में ट्रेवल करती हूं. उस समय लोग मुझे मिलते हैं और देश-दुनिया में घूमने की ता करते हैं तो मैं उनको राजस्थान जरूर देखने के लिए की बात करती हूं. मैं दिल से यहां कनेक्ट हूं.
रिस्पेक्ट मिलना जरूरी:
एक्ट्रेस ने कहा, कि आर्टिजन्स को रिस्पेक्ट मिलनी चाहिए. पैसे तो मिल जाते हैं, लेकिन रिस्पेक्ट नहीं मिलती. हैंड वर्क को नई जनरेशन को सीखाना चाहिए और बताना चाहिए. क्योंकि हमारी आर्ट कहीं खोती जा रही है. मैं भी राजस्थान के कारीगरों के साथ जुड़ना चाहती हूं.
यूके के लोग भी पहनते हैं ब्लॉक प्रिंट:
उन्होंने अपनी पसंद के बारे में कहा, कि मिरर वर्क बहुत ज्यादा पसंद है. यूके में भी लोग ब्लॉक प्रिंट को पसंद करते हैं. बात की जाए फिल्मों की तो मैंने दूरियां नहीं बनाई है। अच्छा काम नहीं आता है तो हम काम नहीं करना चाहते हैं. मैं अभी एक वेब सीरीज कर रही हूं. मुझे जो पसंद है उसी तरह का काम करती हूं. मैं इंतजार करती हूं अच्छे समय और अच्छे ऑफर्स का. मैंने जोधुपर के पास साहेब बीवी गेंस्टर शूट की थी और 1 महीना राजस्थान में रुके थे. उसकी यादें आज भी जहन में हैं.
डायनासौर की तरह लुप्त ने हो जाए आर्ट:
FICCI FLO Jaipur Chapter President Raghushree Poddar के साथ मैंबर्स ने Celebration of Rajasthan Handicrafts and Textile Heritage भी मनाया. "हस्तशिल्प और वस्त्र उत्सव" में राजस्थान के पारंपरिक वस्त्रों का विविध प्रदर्शन किया गया, जिसमें बंधेज, लहरिया, गोटा पट्टी, मिरर वर्क और कोटा डोरिया की जटिल कला शामिल थी. रघुश्री ने कहा, कि हमारी आर्ट हमारी धरोहर है। जैसे डायनासोर लुप्त हो गए वैसे ये टैक्सटाइल हैरिटेज कल्चर भी लुप्त हो जाएगा. इसके लिए सबको एक साथ जुड़ना होगा. बच्चों को इसके बारे में बताना चाहिए. आगे बढ़ाना और आर्टिस्ट के बारे में बताना हमारी जिम्मदारी है.