‘Economic Review 2023-24’: निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक समीक्षा 2023-24 पेश की
Ananya soch: ‘Economic Review 2023-24’ news
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance and Corporate Affairs Minister Nirmala Sitharaman) ने संसद में ‘Economic Review 2023-24’ पेश करते हुए कहा कि Micro, Small and Medium Enterprises (MSME) के लिए ऋण की कमी को दूर करते हुए, अविनियमन, भौतिक एवं डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के साथ-साथ एक ऐसी निर्यात रणनीति लागू करने पर जोर देना आवश्यक है, जो एमएसएमई क्षेत्र को अपने बाजार का विस्तार करने तथा परिमाण बढ़ाने में सक्षम बनाता हो.
Economic Review में बताया कि भारत के आर्थिक विकास की गाथा में एमएसएमई क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है. विस्तृत नियमन एवं अनुपालन संबंधी आवश्यकताओं के कारण इस क्षेत्र के सामने अनेक बाधाएं आती हैं। किफायती एवं समय पर वित्तपोषण तक पहुंच कायम करने सहित अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जो मुख्य चिंता का विषय है. एमएसएमई को लाइसेंसिंग, निरीक्षण और अनुपालन संबंधी आवश्यकताओं से निपटना पड़ता है, जो विशेष रूप से उप-राष्ट्रीय सरकारों द्वारा लगाई जाती हैं तथा ये आवश्यकताएं उन्हें अपनी क्षमता के अनुरूप बढ़ने और रोजगार सृजन में बाधा उत्पन्न करती हैं. सर्वेक्षण में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि सीमा आधारित रियायतें और छूट उद्यमों को सीमा से नीचे अपने आकार को सीमित करने के लिए प्रोत्साहित करने का अनपेक्षित प्रभाव पैदा करती हैं. इसलिए, सीमा आधारित प्रोत्साहनों में समाप्ति (सनसेट) खंड होना चाहिए.
एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़
एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो देश के जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत, विनिर्माण उत्पाद का 45 प्रतिशत योगदान करते हैं और भारत की 11 करोड़ आबादी को रोजगार प्रदान करते हैं. इसके अनुसार भारत सरकार एमएसएमई क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने मे सक्रिय रही है, जिसमें एमएसएमई सहित व्यवसायों के लिए 5 लाख करोड़ रूपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का आवंटन, एमएसएमई आत्मनिर्भर भारत फंड के माध्यम से 50,000 करोड़ रूपये इक्विटी इन्फ्यूजन, एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए नए संशोधित मानदंड, 5 वर्षों में 6,000 करोड़ रूपये परिव्यय के साथ एमएसएमई का कार्यनिष्पादन बढ़ाने और त्वरित करने (आरएएमपी) कार्यक्रम की शुरूआत, अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए औपचारिक दायरे में लाने हेतु 11.01.2023 को उद्यम सहायता प्लेटफार्म (यूएपी) का शुभारंभ शामिल है. इस क्षेत्र के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों, विशेषकर समय पर और किफायती ऋण तक पहुंच को ध्यान में रखते हुए इन पहलों को तैयार किया गया है.