सेवानिवृत्ति के बाद भी कार्मिकों की सामाजिक सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी: मुख्यमंत्री

तकनीकी हैल्पर कार्मिकों के पदनाम में परिवर्तन की घोषणा - ओपीएस और आरजीएचएस से कार्मिकों में बढ़ा उत्साह

अनन्य सोच, जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार शाम प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर फैडरेशन राजस्थान (इंटक) के प्रधान कार्यालय भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने तकनीकी हैल्पर पद पर नियुक्त कार्मिकों के पदनाम योग्यता अनुसार टेक्निशियन प्रथम, द्वितीय और तृतीय करने के घोषणा की। साथ ही नवनिर्मित भवन पर एक विश्राम भवन बनाने के लिए 25 लाख रुपए की भी घोषणा की। गहलोत ने कहा कि राजकीय कार्मिकों का भविष्य सुरक्षित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएस) लागू की गई है। एक वर्ष में दो बार डीपीसी के प्रावधान तथा अनुकम्पा नियुक्तियों में शिथिलन देकर नियुक्तियां देने से कार्मिकों का उत्साह बढ़ा है। अब संविदा कार्यों में ठेका प्रथा को समाप्त कर रेक्सको की तरह एक कम्पनी बनाकर नियुक्तियां दी जाएगी। इससे राहत मिलेगी और बचत भी बढ़ेगी।प्रदेशवासियों को महंगाई की मार से राहत दिलाने के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं। इनमें 10 योजनाओं में पंजीकरण कराकर गारंटी कार्ड सौंपे गए। सोमवार को लाभार्थी उत्सव में 14 लाख परिवारों के बैंक खातों में गैस सिलेंडर की सब्सिडी हस्तांतरित की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मजदूरों को विभिन्न सम्बल योजनाओं के तहत राहत पहुंचा रही है। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदेशवासियों को मिल रहा है। गहलोत ने बताया कि संवेदनशील राज्य सरकार ने कोरोना काल में अकाल मृत्यु को प्राप्त सेवारत 303 कर्मचारियों के आश्रितों को 50-50 लाख रुपए की सहायता राशि पहुंचाकर सम्बल प्रदान किया है।

इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, ऊर्जा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी, पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा, राजस्थान श्रम कल्याण सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष जगदीश श्रीमाली, प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर फैडरेशन राजस्थान (इंटक) के प्रदेशाध्यक्ष बजरंग लाल मीणा सहित अन्य पदाधिकारी और कार्मिक उपस्थित रहे।