रोडवेज में ना तो अधिकारी-कर्मचारी, ना ही बसें, कैसे मिले जनता को सुविधा
@ऋषिराज जोशी
अनन्य सोच, जयपुर। संचालन के बाद से ही लगातार घाटे में चल रही राजस्थान रोडवेज (Rajasthan roadways) के पास ना तो अधिकारी- कर्मचारी है और ना ही बसे। ऐसे में जनता को कैसे सुविधा मिले। रोडवेज वर्तमान में करीब 6100 करोड़ रुपए के घाटे में चल रही है।
राजस्थान रोडवेज में 22 हजार 411 पद स्वीकृत है। इनमें से वर्तमान में केवल 11 हजार 974 से कार्यरत है। वर्तमान में 10 हजार 437 पद रिक्त चल रहे है रोड प्रशासन ने 5200 पदों पर भर्ती करने के लिए सरकार से अनुमति मांगी है, लेकिन अभी तक नहीं मिली। वहीं रोडवेज में पांच हर बसे होनी चाहिए। इनमें से रोडवेज के पास 2915 ही बसे है। इनमें से भी 1522 बसे अवधिपार हो चुकी है। इन्हें मजबूरन संचालित किया जा रहा है।
प्रशासनिक अधिकारी व सुरक्षा प्रहरी एक भी नहीं-
रोडवेज में प्रशासनिक अधिकारियों के 42 पद स्वीकृत है। इनमें से एक भी नहीं है। वहीं अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के 112 स्वीकृत पदों में से केवल 7 ही कार्यरत है। इसी प्रकार कार्यकारी निदेशक के 3, महाप्रबंधक के 2, संयुक्त महाप्रबंधक के 5 अधिशासी अभियंता के 2, संभाग प्रबंधक के 12, भंडार नियंत्रक के 2 सहायक यांत्रिक के 19, अतिरिक्त निजी सचिव के 15, आगार प्रबंधक के 4, कनिष्ट अभियंता के 167, सहायक आगार प्रबंधक के 126, सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 191, कनिष्ठ लेखाकार के 230, एटीआई के 253, उप भंडार निरीक्षक के 121, आर्टिजन ग्रेड- प्रथम के 666, एलडीसी के 369, आर्टिजन ग्रेड द्वितीय के 922, आर्टिजन ग्रेड तृतीय के 1816, सुरक्षा प्रहरी के 300, परिचालक के 2839, चालक के 1302 पर खाली है।
हर माह 400 करोड़ का घाटाः
राजस्थान रोडवेज हर माह करीब 400 करोड़ रुपए के घाटे में संचालित हो रही है। रोडवेज वर्तमान में करीब 6100 करोड़ रुपए के घाटे में चल रही है। वहीं सरकार से हर साल अनुदान नहीं मिले तो कर्मचारियों को वेतन- पेंशन भी नहीं मिल पाए।
इनका कहना है....
राजस्थान रोडवेज में अधिकारी- कर्मचारियों की काफी कमी है। पदों की भर्ती का प्रस्ताव वित्त विभाग भेजा गया है। वहीं से अभी अनुमति नहीं मिली है। वहीं बस की खरीद के लिए दुबारा टेंडर किए जाएंगे। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है।
- बृजेन्द्र सिंह बोला, परिवहन मंत्री