latest Rangmunch news: एक्टिंग का क्रेज ऐसा नाइट जॉब के बाद दिन में भी थिएटर की रिहर्सल

latest Rangmunch news: रवीन्द्र मंच पर बढ़ी कलाकारों की चहलकदमी, सीख रहे है एक्टिंग की विधाएं

latest Rangmunch news: एक्टिंग का क्रेज ऐसा नाइट जॉब के बाद दिन में भी थिएटर की रिहर्सल

Avinash parasar

Ananya soch: latest Rangmunch news

अनन्य सोच। latest Rangmunch news: एक्टिंग में अपना कॅरिअर बनाने के ख्वाब से आए प्रदेशभर के यूथ कड़ी मेहनत करते हुए नजर आ रहे हैं. इनमें से कई यूथ ऐसे भी हैं, जो नाइट में जॉब करते हैं और दिन में अपने सपनों के लिए कड़ी मेहनत कर एक्टिंग की बारीकियां एक्सपर्ट से सीखते हैं और रवीन्द्र मंच पर होने वाले नाटकों में अपनी अभिनय क्षमता को दिखाते है. अभिनय के साथ रूप सज्जा, पोशाकों पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है. अंत में नाटक तैयार कर मंच पर दर्शकों के बीच इसका मंचन किया जाता है. 

- इन आर्टिस्ट्स ने शेयर किए अनुभव

बचपन से ही मूवीज को देखकर इस क्षेत्र में कॅरिअर बनाने का मन बना लिया था। पिछले 7 वर्षों से थिएटर पर अलग-अलग तरह की भूमिकाएं निभा रही हूं।- डॉ. बुलबुल नायक (थिएटर डायरेक्टर- कलाकार-एक्टर)

पिछले 3 सालों से थिएटर कर रहा हूं. मेरी आयु अभी 14 वर्ष है. पढ़ाई के साथ एक्टिंग को मैनेज करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है. जब भी मौका मिलता है मंच पर आकर एक्टिंग की बारीकियां सीखता हूं.

- मनन आसुदानी (चाइल्ड आर्टिस्ट)

एक अच्छा आर्टिस्ट बनने के लिए एक कंपनी में जॉब करने के बाद थिएटर के लिए टाइम निकालता हूं। घर हो या मंच जब भी मौका मिलता है, एक्टिंग के गुर सीखता हूं।

- देवांग सैनी- कलाकार

आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से नाइट को जॉब करता हूं. एक्टर बनने का जुनून सब मुश्किलें आसानी से मैनेज करने के लिए प्रोत्साहित करती रहती है. 

-उमेश शर्मा (थिएटर आर्टिस्ट)

टीवी सीरियल में बचपन से ही काम करने का सपना था. इसी सपने को संजोए हुए पिछले एक साल से थिएटर से जुड़ा हूं. इन एक सालों में कई नाटकों में मौका मिला है.

करन सोनी (कलाकार)

मेरा कपड़ों का काम है, लेकिन थिएटर का शौक होने की वजह से दोनों को मैनेज करती हूं. थिएटर ने मुझे जीवन के कई अहम पहलु समझाए है. - खुशबू - आर्टिस्ट

पिछले दस सालों से थिएटर में काम कर रहा हूं. इस दौरान करीब 82 ड्रामों में प्रदेशभर के कलाकारों को लेकर बनाएं है. अभिनय की कार्यशालाएं सम् के कलाकारों को उचित मंच देता हूं. अप्रैल से जून के समय कलाकारों की तादाद ज्यादा हो जाती है. 

- फिरोज मिर्जा (थिएटर डायरेक्टर लेखक)