National Handloom Day: विरासत से विकास कार्यक्रम में दिखेगा दस्तकारों का हुनर और ट्राइबल आर्ट

अविनाश पाराशर। जेकेके में नेशनल हैंडलूम डे के मद्देनजर आयोजन*  11 से 17 अगस्त तक होगा आयोजन* 14 अगस्त को गुलज़ार लिखित “बॉस्की के कप्तान चाचा” नाटक का मंचन  म्यूजिक ऑफ द चरखा में गूंजेंगे रमा सुन्दरम के स्वर

National Handloom Day: विरासत से विकास कार्यक्रम में दिखेगा दस्तकारों का हुनर और ट्राइबल आर्ट

Ananya soch: National Handloom Day

अनन्य सोच। National Handloom Day: आमजन को देश की विरासत और पारंपरिक धरोहर की जानकारी से रूबरू करवाने के उद्देश्य से नेशनल हैंडलूम डे के मद्देनजर जवाहर कला केंन्द्र की ओर से अतुल्य अगस्त प्रोग्राम के तहत 11 से 17 अगस्त तक अलंकार दीर्घा में विरासत से विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. शनिवार को जवाहर कला केंद्र में हुई प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी गई. प्रेस वार्ता के दौरान केंद्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावत, सहायक निदेशक, अब्दुल लतीफ उस्ता, थिएटर कन्सलटेंट मैनेजर बबिता मदान, डिप्टी जनरल मैनेजर श्री भरत सिंह, फेस्टिवल कॉर्डिनेटर छवि जोशी, फेस्टिवल क्यूरेटर साधना गर्ग मौजूद रहीं। 

यह कार्यक्रम रघुकुल ट्रस्ट के क्यूरेशन में किया जा रहा है. साधना गर्ग ने बताया कि, 11 से 14 अगस्त तक टाइमलेस टेक्सटाइल ट्रेडिशन एग्जीबिशन लगायी जाएगी. प्रदर्शनी में हैंडलूम का ऐसा आटवर्क कलेक्शन देखने को मिलेगा जिसे घर-घर जाकर इकट्ठा किया गया है. यह एक प्रयास है लुप्त होती कला को पुनर्जीवित करने का इसलिए बरसों से संजोए गए अपने पारंपरिक परिधानों जैसे अचकन, साड़ियां, जूतियां व चिकन वर्क, कलमकारी, आरी-तारी, ज़रदोज़ी, बंधेज, फुलकारी प्रोडक्ट्स को शोकेस करने के लिए लोग आगे आए हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से आम जनता व युवा पीढ़ी तक विरासत की कहानियां प्रदर्शनी के माध्यम से पहुंचाई जाएंगी. 

म्यूजिक ऑफ द चरखा में गूजेंगे रमा के स्वर

11 अगस्त को प्रात: 11:30 बजे म्यूजिक ऑफ द चरखा कार्यक्रम में रंगायन में वरिष्ठ कलाकार रमा सुन्दरम संत कबीर, संत नामदेव आदि के पदों के गायन की प्रस्तुति देंगी. 

 ट्राइबल आर्ट शो में होगा आदिवासी कला का प्रदर्शन

इसी के साथ विरासत से विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 11 से 14 अगस्त तक ट्राइबल आर्ट शो भी आयोजित होगा, जिसमें विभिन्न प्रदेशों से आए कलाकार आदिवासी अंचलों में प्रचलित ट्रेडिशनल विजुअल आर्ट वर्क शोकेस करेंगे. सुजस दीर्घा में हैंडलूम हाट लगायी जाएगी जिसमें दस्तकार अपने प्रोडक्ट्स की स्टॉल लगाएंगे. 

14 अगस्त को गुलज़ार लिखित नाटक का मंचन

इस मौके पर जवाहर कला केंद्र में आगामी दिनों में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी भी दी गई. स्वतंत्रता दिवस को ध्यान में रखते हुए 12 अगस्त को रंगायन में शाम 4 से 6 बजे राजस्थान संगीत संस्थान के विद्यार्थी देशभक्ति गीत गायन की प्रस्तुति देंगे. 14 अगस्त को नौनिहाल के अन्तर्गत गुलज़ार लिखित और सलीम आरिफ़ निर्देशित “बॉस्की के कप्तान चाचा” नाट्य प्रस्तुति दी जाएगी. रंगायन में सुबह 10:30 बजे और शाम 7:00 बजे दो शो होंगे.16 अगस्त से 45 दिवसीय आधुनिक रंगमंच एवं गवरी नाट्य शैली पर आधारित अभिनय एवं प्रस्तुति परक कार्यशाला की शुरुआत होगी. 

जवाहर कला केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावत ने कहा कि, “जब हम हैंडलूम की बात करते हैं तो विरासत की बात की जाती है। 11 से 17 अगस्त तक होने वाला यह कार्यक्रम पूरी तरह से देश के उन हुनरमंद कलाकारों को समर्पित है जो किसी भी तरह से हमारी संस्कृति व रीतियों को आगे आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने में अपना योगदान दे रहे हैं. साथ ही ‘अतुल्य-अगस्त’ के अन्तर्गत हो रहे इस कार्यक्रम हैंडलूम व दस्तकारों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है. 

फेस्टिवल क्यूरेटर साधना गर्ग ने कहा कि, “हमारा उद्देश्य है कि एक बार फिर आम जनता और जेन ज़ी को अपनी संस्कृति से रूबरू कराया जाए, हमारे बुजुर्ग हमारे लिए जो पारंपरिक धरोहर छोड़ कर गए हैं उसके बारे में बताया जाए.