Musician Dr. Seema Johri: फिजा में घुली सारंग के रागों की बंदिशों और गीतों की मखमली तासीर

विजय सिंह। संगीतकार डॉ. सीमा जौहरी ने दिया सारंग अंग के रागों पर व्याख्यान

Musician Dr. Seema Johri: फिजा में घुली सारंग के रागों की बंदिशों और गीतों की मखमली तासीर

Ananya soch: Musician Dr. Seema Johri

अनन्य सोच। Department of Music, Indira Gandhi National University: दिल्ली की इंदिरा गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी के संगीत विभाग (Department of Music, Indira Gandhi National University) की सह आचार्य डॉ. सीमा जौहरी (Musician Dr. Seema Johri) ने शहर के संगीत प्रेमियों को ‘सारंग’ अंग के रागों और उनके छिपे भावों की जानकारी दी. ‘सारंग अंग’ नामक कार्यक्रम मालवीय नगर में आयोजित किया गया.

कार्यक्रम समन्वयक प्रोमिला राजीव भट्ट ने बताया कि सीमा ने सारंग अंग के करीब 8 रागों की जानकारी देते हुए उन पर आधारित फिल्मी गानों और लोक गीतों के बारे में बताया.शुरुआत राग वृन्दावनी सारंग की बंदिश ‘बन-बन ढूंढत जाउं’ और फिर इसी राग पर आधारित फिल्मी गीत ‘सावन आए या ना आए’ से हुई.

इसके बाद मद्यमाद सारंग की जानकारी देते हुए इस राग में छोटे ख्याल की बंदिश और उसी पर आधारित फिल्मी गीत ‘जादूगर सैंया छोड़ो मोरी बैंया’ गाकर संगीत शास्त्र पर पकड़ को दर्शाया. इस मौके पर मौजूद संगीत गुरु पं. हेमंत भट्ट ने संगीत प्रेमियों के आग्रह पर राग शुद्ध सारंग की बंदिश ‘अब मोरी बात मान ले पियरवा’ सुनाई। अंत में पं. राजीव भट्ट ने अतिथि कलाकारों का अभिनंदन किया. कार्यक्रम का संचालन प्रोमिला राजीव ने किया.