Vidyashram school: विद्याश्रम का 39वाँ वार्षिकोत्सव सम्पन्न

Vidyashram school: वसंत कोई ऋतु नहीं, मानव मन की एक खूबसूरत अभिव्यक्ति है स्टूडेंट्स ने नृत्यों के माध्यम से जीवंत किए प्रकृति के असल मायने

Vidyashram school: विद्याश्रम का 39वाँ वार्षिकोत्सव सम्पन्न

Ananya soch: Vidyashram school

जयपुर। Bharatiya Vidya Bhavan Vidyashram School annual festival: ‘वसंत मनुष्य के मन में भी आता है. मानव मन का अपना वसंत होता है. जब ह्रदय में गुरू प्रेम का खिलाता है, तो इस वसंत के रंगों से जीवन रंग-बिरंगा हो जाता है. ऐसे व्यक्ति के लिए सदा सर्वदा वसंत ऋतु ही खिली रहती है.

मन के मौसम का वसन्त एक भावनात्मक अभिव्यक्ति है, एक मानसिकता है जो जीवन को निराशा, अभावकष्टों में भी मुस्कुराना सिखाती है’ कुछ ऐसी ही अभिव्यक्ति से सराबोर था बुधवार को आयोजित भारतीय विद्या भवन विद्याश्रम स्कूल (Bharatiya Vidya Bhavan Vidyashram School) के 39वें वार्षिकोत्सव का. महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में आयोजित इस समारोह में बच्चों ने  नृत्य नाटिका में प्रकृति की सुन्दरता को फ्लॉवर डांस के माध्यम से प्रस्तुत किया. इसी क्रम में प्रकृति पर आधारित संस्कृत श्लोकों पर भी नृत्य की प्रस्तुति दी गई, अलग-अलग ऋतुओं पर आधारित  नृत्य प्रस्तुत किए गए. इन सभी नृत्यों में मानव मन के भीतर समाए वासंती भावों को अलग अलग अंदाज में जीवंत किया गया. 

राजस्थान सरकार के वित्त सचिव के.के. पाठक समारोह के मुख्य अतिथि थे। अध्यक्षता भारतीय विद्या भवन जयपुर केन्द्र के अध्यक्ष विमल चन्द सुराणा ने की। अतिथियों के सम्मान में विद्यालय के दो दर्जन से भी अधिक स्टूडेंट्स ने मधुर बैण्ड वादन कर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अतिथियों का अभिनंदन किया. 

-तबला वादन से की गणेश स्तुति

इस मौके पर विद्यार्थियों ने गणेश स्तुति को तबला वाद्य यंत्रों के माध्यम से ताल दादरा और कहरवा ताल के मिश्रण को साकार किया. 

-साकार हुई कवि कुमार की सृजन यात्रा

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण नृत्य नाटिका मन के मौसम रही जिसमें कवि कुमार द्वारा संकलित काव्य उदभव की सृजन यात्रा को नृत्य एवं अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया गया. नृत्य नाटिका में छह ऋतुओं का वर्णन करके वसन्त को जीवन के साथ साकार किया गया. कवि के अनुसार वसन्त आता नहीं है अपितु उसे लाया जाता है जिसमें जितना सामर्थ्य होता है वह उसे हम मौसम में वसन्त का अहसास करा देता है. सबका अपना वसन्त है जैसे शरद और शिशिर में शाखाओं का, ग्रीष्म में फलों का,वर्षा में पत्तों और वृंतों का और वसन्त में फूलों का. 

सर्वधर्म प्रार्थना और सांग ऑफ़ दी सीजन भी रहे खास

इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रारम्भ में दीप प्रज्वलन हुआ. फिर विद्यार्थियों ने सर्वधर्म प्रार्थना प्रस्तुत की जिसमें सभी धर्मों के महत्त्व, समत्व भाव, धार्मिक उदारता, सहिष्णुता एवं शान्ति की भावना को प्रदर्शित किया.

विद्यालय के प्राथमिक विभाग के छात्र-छात्राओं ने सांग ऑफ द सीजन अंग्रेजी गीत को वाद्ययंत्रों के वादन के साथ प्रस्तुत किया. विद्यालय प्राचार्या सुश्री प्रीति सांगवान ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इस मौके पर सत्र 2022-23 की बोर्ड परीक्षाओं में सर्वाेच्च अंक लाने वाले एवं विभिन्न गतिविधियों में सर्वाेत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए.