Padharo Mhare Shilpgram exhibition: नाबार्ड की 'पधारो म्हारे शिल्पग्राम' प्रदर्शनी में दिखेगा दस्तकारों का हुनर

Padharo Mhare Shilpgram exhibition: 21 से 26 दिसंबर तक राष्ट्रीय प्रदर्शनी — 75 स्टॉल्स पर मिलेंगे विभिन्न उत्पाद — 19 राज्यों के 150 दस्तकार होंगे शामिल — सजेगा जीआई टैग पवेलियन — बिखरेगी लोक संस्कृति की छटा

Padharo Mhare Shilpgram exhibition: नाबार्ड की 'पधारो म्हारे शिल्पग्राम' प्रदर्शनी में दिखेगा दस्तकारों का हुनर

Ananya soch: Padharo Mhare Shilpgram exhibition

जयपुर। Padharo Mhare Shilpgram exhibition: जवाहर कला केन्द्र में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development) (नाबार्ड) की ओर से 21 से 26 दिसंबर तक 'पधारो म्हारे शिल्पग्राम' (Padharo Mhare Shilpgram exhibition) राष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन होगा. छह दिवसीय प्रदर्शनी में देशभर से आए दस्तकारों और हस्तशिल्पियों का हुनर एक जगह देखने को मिलेगामिलेगा. प्रदर्शनी प्रातः 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक चलेगी. प्रदेशवासी राजस्थानी लोक कलाओं की प्रस्तुतियों का आनंद लेते हुए प्रदर्शनी में इन दस्तकारों के उत्पाद खरीद सकेंगे. 21 दिसंबर को प्रातः 11 बजे रंगायन में कला, साहित्य, संस्कृति पुरातत्व एवं पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ द्वारा प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा. 

-75 स्टॉल्स पर होंगे विभिन्न उत्पाद

NABARD राजस्थान के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. राजीव सिवाच ने बुधवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया। डॉ. राजीव सिवाच ने बताया कि प्रदर्शनी में राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, असम, गुजरात, केरल समेत 19 राज्यों से आने वाले लगभग 150 दस्तकार हिस्सा लेंगे. 75 स्टॅाल्स पर रोजमर्रा की वस्तुएं, कपड़े, हस्तशिल्प और खाद्य पदार्थ व अन्य उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे. इनमें असम के सीतलपति उत्पाद, गुजरात के काठियावाड़ी बीड वर्क, हरियाणा की हस्तनिर्मित दरी, कर्नाटक की हथकरघा साड़ियां, महाराष्ट्र की शुद्ध टसर सिल्क साड़ी, बाड़मेर के एप्लिक वर्क उत्पाद, राजस्थानी जूती आदि शामिल हैं. डॉ. राजीव सिवाच ने कहा कि प्रदर्शनी से कारीगरों, शिल्पकारों व बुनकरों और ग्राहकों के बीच सीधा संबंध विकसित होगा. यह मंच कलाकारों की आय वृद्धि में सहायक होगा साथ ही इससे स्थानीय कलाओं को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय कलाकारों का मनोबल बढ़ाने के लिए आमजन को भी भागीदारी निभानी होगी. वार्ता में नाबार्ड, राजस्थान महा प्रबंधक मंजू खुराना, उप महा प्रबंधक कैलाश पाहवा, आशुतोष सरदाना, अजय कुमार सिन्हा मौजूद रहे. 

-जीआई टैग पवेलियन रहेगा खास, बार कोड स्कैन करने पर मिलेगी पूरी जानकारी

नाबार्ड की प्रदर्शनी में जीआई टैग पवेलियन बनाया जाएगा। इसमें 19 जीआई टैग प्रोडक्ट खरीद सकेंगे. इनमें जोधपुरी बंधेज, उत्तराखंड का तमता क्राफ्ट, मध्य प्रदेश की वारासिवनी सिल्क साड़ी, वाराणसी के खिलौने, नाथद्वारा की पिछवाई, सांगानेरी एवं बगरू के हैंड ब्लॉक प्रिंट, ब्लू पॉटरी, बीकानेरी कशीदाकारी व उस्ता कला, पंजाब की फुलकारी, कश्मीरी केसर, तमिलनाडु की कोविलपट्टी कादलाई मित्तई, उत्तर प्रदेश की लकड़ी की नक्काशी और बागपत बेडशीट, उदयपुर की कोफ्तगिरी, राजस्थानी कठपुतली, कोटा डोरिया साड़ी, सोजत मेहंदी और राजसमंद की मोलेला पॉटरी शामिल है  सभी स्टॉल्स पर लगे बार कोड को स्कैन कर इनके उद्गम की जानकारी मोबाइल पर जान सकेंगे. बता दें कि स्थानीय उत्पादों की विशेषता को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार की ओर से भौगोलिक संकेत (जीआई टैग) प्रदान किया जाता है. 

-लोक संस्कृति के सौंदर्य से होंगे सराबोर

ग्रामीण परिवेश के सौंदर्य से सराबोर करने वाली शिल्पग्राम में प्रदर्शनी के साथ-साथ लोक कलाओं की प्रस्तुति भी देखने को मिलेंगी. लोक गीत, चरी नृत्य, भवाई, घूमर, तेरहताली, कालबेलिया और गोरबंद के साथ लोक कलाकार राजस्थानी संस्कृति की छटा बिखेरेंगे.