Art Festival Splash 2023: आर्टिस्ट कृष्ण कुमार ने कहा ‘हर पेंटिंग के पीछे छुपी होती है एक लंबी कहानी
Art Festival Splash 2023:आर्टिस्ट हर्षा कुमारी ने कहा ‘पज़ल्स खेलने के शौक ने बनाया कलाकार’ आर्टिस्ट क्रिंजल ने कहा ‘घर की दीवार को पेंट करने से हुई कलात्मक सफर की शुरूआत’ तीन दिवसीय कला महोत्सव ‘स्प्लेश-2023’ का दूसरा दिन, रविवार को होगा समापन सुबह 10 से दोपहर 1.00 बजे के ‘स्केच मीट बाय अर्बन स्केचर्स’ दोपहर 2.00 से शाम 4.00 बजे ‘वोकल्स टू विजुअल्स विद अमृता चौहान’
Ananya soch: Art Festival Splash 2023
जयपुर। Art Festival Splash 2023: जवाहर कला केंद्र की कला दीर्घा चतुर्दिक में चल रहे तीन दिवसीय पेंटिंग एग्जीबिशन और कला उत्सव ‘स्प्लेश.2023’ (Art Festival Splash 2023) के दूसरे दिन शनिवार को जाने माने आर्टिस्ट कृष्ण कुमार को लाइव पेंटिंग करते देख सभी कलाकार बहुत उत्साहित नजर आए. राजस्थानी बुजुर्ग पुरुष को अपने कैनवास पर उतारते हुए उन्होंने कला प्रेमियों से कई किस्से साझा किये.
एक पेंटिंग कब पूरी होती है इस सवाल पर वहां उपस्थित सभी कलाकारों ने अपने अपने विचार रखें. किसी ने कहा कि जब तक पूर्ण संतुष्टि ना मिले पेंटिंग अधूरी ही रहती है, तो किसी ने कहा कितने ही एफर्ट्स डाल दो पर अंत तक लगता है कुछ कमी छूट गई शायद ही कोई पेंटिंग कभी पूर्ण होती है. कृष्ण कुमार ने एक बड़े आर्टिस्ट की बात साझा करते हुए कहा कि हर पेंटिंग में छिपी होती है अपनी एक कहानी. उन्होंने कहा कि आप जब थक कर बैठ जाओ समझ लो उस वक्त आपकी पेंटिंग पूरी हुई.
-फिर कलाकारों ने सुनाई अपनी अपनी कहानी
दोपहर बाद के सेशन में एग्जीबिशन में आए कलाकारों ने अपनी अपनी कहानी से सभी को रूबरू करवाया.
जोधपुर से आई क्रिंजल ने बताया कि उसे आदत थी नोटबुक में कुछ ना कुछ ड्रॉ करते रहने की तो कभी मिट्टी में डिजाइन बनाती. जॉब लगने के बाद जब घर का इनोवेशन हो रहा था तो मां को कुछ पसंद नहीं आया तो उसने घर की दीवारों को सेरेमिक आर्ट्स से नए रंग से रंग दिया। उनकी कला का यह सफर वहीं से शुरू हुआ.
-पजल्स खेलने के शौक ने बनाया कलाकार
हर्षा ने बताया पेंटिंग हॉबी थी पर इसे कैरियर बनाऊंगी यह कभी नहीं सोचा. पजल्स खेलने का बहुत शौक रहा और वहीं से दिमाग में आया क्यों ना पेंटिंग्स को भी पजल्स के रूप में बनाऊं. वो पेंटिंग के हर तरीके को अपनाती है. कुछ नया करने की चाह में यहां तक आ गई.
-लॉक डाउन ने प्रेरित किया कला कर्म के लिए
भोपाल से आई अमृता ने बताया कि इस तरीके से किसी एग्जीबिशन का हिस्सा पहली बार बनी हूं. हालांकि वो एक बैंक में जॉब करती हैं पर लॉकडाउन में कला ने फिर से अपनी तरफ आकर्षित कर दिया. उनकी कलाकृतियों में हमेशा जंगल हावी रहा जंगल से वो बचपन से ही प्रभावित रही. फ्यूजन थीम में उन्होंने जंगलों को अपनी कलाकृति से दर्शाने की कोशिश की.
सिर्फ 12 साल की उम्र में ही अपनी कला से सबको प्रभावित कर देने वाले अर्जुन शुक्ला कहते हैं कि कैनवास और कलर के बिना मन ही नहीं लगता। 2020 से उन्होंने स्केच बनाना शुरू किया और आज इस एग्जीबिशन का हिस्सा है.
-कला प्रेमियों ने भी साझा किए अपने अनुभव
एग्जीबिशन परिसर में जहां कलाकार एक दूसरे से कुछ सीख रहे थे और अपनी स्टोरी बता रहे थे. वहीं कला प्रेमी इन कलाकृतियों में डूबे हुए नजर आए. एक कला प्रेमी ने कहा जितना रुक कर पेंटिंग को देखता हूं उतना ही उसमें डूबता चला जाता हूं. कहीं आंखों के राज जानने का मन होता है तो कहीं प्रकृति में डूब जाने का. बनारस का घाट हो या जयपुर का बिरला मंदिर सभी जाने क्या कहानी कह रहे हैं. आध्यात्मिक पेंटिंग्स भी एक से बढ़कर एक है जहां कृष्ण की पेंटिंग मन को मोह रही है वही बुद्ध की पेंटिंग शांति की तरफ ले जाती नजर आ रही है.
-रविवार को होगा तीन दिवसीय आयोजन का समापन
प्रदर्शनी के संयोजक मितुल अग्रवाल ने बताया कि रविवार को इस तीन दिवसीय आयोजन का समापन होगा. सुबह 10 से दोपहर 1.00 बजे के ‘स्केच मीट बाय अर्बन स्केचर्स’ दोपहर 2.00 से शाम 4.00 बजे ‘वोकल्स टू विजुअल्स विद अमृता चौहान’ और शाम 4.00 बजे से पुरस्कार वितरण के कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे.
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