World Camel Day: 23 वर्षों से ऊंट स्वास्थ्य कार्य का मनाया जश्न

 World Camel Day: 23 वर्षों से ऊंट स्वास्थ्य कार्य का मनाया जश्न

Ananya soch: World Camel Day

अनन्य सोच। World Camel Day: हेल्प इन सफरिंग (एचआईएस) द्वारा 22 जून (रविवार) को विश्व ऊंट दिवस के अवसर पर बस्सी स्थित ऊंट बचाव केंद्र में एक विशेष उत्सव का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के माध्यम से एचआईएस द्वारा पिछले दो दशकों से किए जा रहे ऊंट कल्याण कार्यों को दर्शाया गया. साथ ही, भारत में तेजी से घटती ऊंटों की संख्या जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी प्रकाश डाला गया. इस कार्यक्रम में आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में ऊंट मालिकों ने हिस्सा लिया. इस दौरान विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की गई, जिसमें पारंपरिक कठपुतली शो आयोजित हुआ, इसमें ऊंट स्वास्थ्य और देखभाल संबंधी संदेशों को मनोरंजक रूप में प्रस्तुत किया गया. ऊंट मालिकों को स्थानीय भाषा में शैक्षिक सामग्री वितरित की गई, जिससे उन्हें ऊंटों की देखभाल के बारे में व्यावहारिक जानकारी मिल सके. वहीं, ऊंटों की अच्छी देखभाल करने वाले मालिकों को पुरस्कार देकर उनके प्रयासों को सराहा गया. इसके साथ ही, सभी के लिए सामुदायिक भोजन की व्यवस्था रही, जिसने उन्हें आपस में संवाद करने का अवसर प्रदान हो. वर्ष 2001 से, एचआईएस ने मोबाइल क्लिनिक और उपचार शिविरों के माध्यम से 80,000 से अधिक ऊंटों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान की है. जयपुर से लेकर दूरदराज के गांवों और पुष्कर ऊंट मेले तक यह संगठन राजस्थान भर में सालाना 5,000-7,000 ऊंटों का इलाज करता आ रहा है. इस अवसर पर एचआईएस के एक पशु चिकित्सक ने कहा, "जब हमने शुरुआत की, अधिकांश ऊंट मालिक अपने जानवरों को केवल एक कामकाजी साधन के रूप में देखते थे. अब हम देखते हैं कि मालिक अपने ऊंटों की बेहतर देखभाल कर रहे हैं और समस्या होने पर जल्दी मदद मांग रहे हैं. 

हेल्प इन सफरिंग बीते दो दशकों से ऊंटों के समग्र कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रूप से कार्य कर रहा है. एचआईएस द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में सामान्य बीमारियों के लिए पशु चिकित्सा उपचार, हानिकारक लकड़ी के नकेल को सुरक्षित प्लास्टिक विकल्प से बदलना, तथा रात के समय सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ऊंट गाड़ियों पर रिफ्लेक्टर लगाना शामिल है. इसके अतिरिक्त, HIS नियमित रूप से ऊंट मालिकों को पशु देखभाल की उचित तकनीकों पर प्रशिक्षण प्रदान करता है और साथ ही, भारत के पहले समर्पित ऊंट बचाव केंद्र का संचालन भी कर रहा है.