8th Sikh Guru Guru Harkrishna Sahib: सिक्खों के 8वें गुरु-गुरु हरक्रिशन साहिबजी का प्रकाश पुरब मनाया
8th Sikh Guru Guru Harkrishna Sahib: सुखमनी सेवा सोसायटी बनीपार्क के सदस्य पहुंचे बच्चों के बीच
Ananya soch: 8th Sikh Guru Guru Harkrishna Sahib
अनन्य सोच। 8th Sikh Guru Guru Harkrishna Sahib: सिक्खों के 8वें गुरु-गुरु हरक्रिशन साहिबजी का प्रकाश पुरब को सुखमनी सेवा सोसायटी बनीपार्क के सदस्यों की ओर से राजापार्क में बच्चों के साथ 'सेवा दिवस' के रूप में मनाया गया.
इस अवसर पर सोसायटी के सूर्य उदय सिंह ने बच्चों को प्रकाश पुरब के बारे में जानकारी दी. बाद में सोसायटी की पिंकी सिंह ने बच्चों को वाहिगुरु जाप कराया. साथ ही बच्चों के लिए स्लाईड और शिक्षा प्रद गेम्स भेंट करने के साथ फल और चॉकलेट वितरित किए गए.
प्रकाश पुरब को समर्पित सोसायटी के पाठ ग्रुप 'अपणी मेहर कर' के सदस्यों ने 1865 दु:ख भंजनी साहिब पाठ किए व श्री हरक्रिशन धयाईए का जाप किया. इस अवसर पर सोसायटी के सदस्य प्रीति कौर, रोमी कौर, जगमोहन सिंह आनंद, चेतन नागपाल, वीरेंद्र सिंह, परमजीत सिंह, जगदीप सिंह उपस्थित रहे. अजय पाल सिंह ने सभी को प्रकाश पुरब की बधाई दी और सचिव जसबीर सिंह ने सेवा कार्य के लिए सुखमनी सेवा सोसायटी का जताया.
गौरतलब है कि गुरू हरक्रिशनजी का जन्म सन 1656 ई. में कीरतपुर साहिब में हुआ. उन्हें बाल गुरू कहा गया, क्योंकि उनके पिता श्रीहरि रायजी ने ज्योति-जोत समाते समय मात्र 5 वर्ष की आयु में गुरू हरक्रिशनजी को गुरू गद्दी दी थी. कम उम्र में ही गुरूजी के अंदर दीन दु:खियों व बीमारों के प्रति अपार संवेदना थी. दिल्ली में जब चेचक की महामारी फैली तो वह बीमारों की सेवा में लग गए और उसी बीमारी से ग्रस्त होकर 8 वर्ष की आयु में ही ज्योति जोत समा गए. दिल्ली का गुरूद्वारा बंगला साहिब उन्हीं को समर्पित है. गुरू हरक्रिशनजी का जीवन संयम, सद्भायवना तथा मानवता के प्रति प्रेम व सेवा का संदेश देता है.