digital museum: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अब संभालेगा डिजिटल म्यूजियम का जिम्मा

विधान सभा डिजिटल म्यूजियम का हुआ चतुष्पक्षीय अनुबंध  देवनानी के प्रयास लाये रंग बढी दर्शकों की संख्या, संग्रहालय में स्थापित होंगे नये आयाम

digital museum: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अब संभालेगा डिजिटल म्यूजियम का जिम्मा

Ananya soch: Vidhan Sabha Digital Museum

अनन्य सोच। Vidhan Sabha Digital Museum: राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की मौजूदगी में राजस्थान विधान सभा के डिजिटल म्यूजियम को राजस्थान की संस्कृति के अनुरूप परिवर्तित और परिवर्धित किये जाने के लिए राजस्थान विधान सभा, जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड, वामा कम्यूनिकेशन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मध्य चतुष्पक्षीय अनुबंध किया गया. विधान सभा में मंगलवार को हुए इस अनुबंध के तहत अब डिजिटल म्यूजियम का संचालन एवं संधारण राजस्थान विधान सभा के स्वामित्व एवं निर्देशन में विज्ञान एवं प्रौ़द्योगिकी विभाग द्वारा किया जायेगा. 

 देवनानी के प्रयास लाये रंग

 वासुदेव देवनानी की सोच के अनुरूप म्यूजियम के प्रचार-प्रसार में अभिवृद्धि करने, पर्यटन मानचित्र में जोडने जैसे अद्भुत पहलों से स्थानीय और अन्य देशों के पर्यटकों की संख्या में म्यू‍जियम को देखने के लिए लगातार वृद्धि हो रही है. विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी के प्रयास डिजिटल म्यू‍जियम की पहचान के लिए रंग ला रहे है. इस चतुष्पक्षीय अनुबंध से विधान सभा के राजनैतिक आख्यान संग्रहालय में नये आयाम स्थापित होंगे. 

 

दर्शकों के इनपुट के आधार पर विषय वस्तु को समृद्ध किया जायेगा

 देवनानी ने बताया कि डिजिटल म्यूजियम की विषय वस्तु में दर्शकों के इनपुट के आधार पर आवश्यकता के अनुरूप अनुसंधान समिति की अनुशंषा पर और अधिक समृद्ध ज्ञान का समावेश किया जावेगा. उन्होंने कहा कि डिजिटल म्यूजियम की प्रवेश दीर्घा को राजस्थान की कला व संस्कृति के अनुरूप आकर्षक बनाया जायेगा. म्यूजियम रैम्प पर राजस्थान की पारम्परिक लघु चित्र शैली, माण्डना, कावड, मूमल इत्यादि लोक कला के चित्रण को विशिष्ट स्थान दिया जायेगा. रैम्प के दोनों और उद्धयान में राजस्थान की प्रमुख वनस्पतियों यथा खेजडी इत्यादि के वृक्ष भी रोपित किये जायेंगे. राजस्थान के विभिन्न अनचलों की पहचान को दर्शाने वाली लोक चित्रकला को दर्शाया जायेगा. 

स्वतन्त्रता आन्दोलन के अन्य नायकों का भी होगा समावेश

 देवनानी ने बताया कि राजस्थान के महापुरूषों महाराणा प्रताप, राणा सांगा, महाराणा कुम्भा, स्वामी विवेकानन्द, डॉ. भीमराव अम्बेडकर को यथानुसार संग्रहालय में समावेशित किया जायेगा. रियासती काल के विकास की दीर्घा की जानकारी को भी संशोधित कर अभिवृद्धि दी जायेगी. सांस्कृतिक दीर्घा में कला व संस्कृति के महत्वपूर्ण व्यक्तित्व यथा कृपाल सिंह शेखावत के संविधान संबंधी योगदान, अल्ला जिल्लाह बाई सहित कला विशेषज्ञों के योगदान को भी प्रदर्शित किया जायेगा. गणगौर तीज जैसे राजस्थान के प्रतिकों को भी प्रभावी स्थान दिया जायेगा. 

संविधान को दिया जायेगा विशेष स्थान

 देवनानी ने बताया कि संविधान के 22 भागों को चित्रों सहित विधान सभा मॉडल के पास जोडा जायेगा. संविधान निर्माण में राजस्थान के महानुभावों के नामों को उनकी भूमिका के साथ प्रदर्शित किया जायेगा. 

म्यूजियम होगा ऑनलाईन

- देवनानी ने बताया कि म्‍यूजियम को ऑनलाईन किया जायेगा. इससे विदेशों में बैठे लोग भी राजनैतिक आख्यान संग्रहालय को वर्चुअली देख सकेंगे.