Electric shuttle buses will run instead in sariska: सरिस्का में पांडुपोल मंदिर के लिए चलेंगी इलेक्ट्रिक शटल बसें

Ananya soch: Electric shuttle buses will run instead in sariska
अनन्य सोच। Electric shuttle buses will run instead in sariska: राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि वह साल 2025 तक सरिस्का टाइगर रिजर्व स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर में यात्रियों की आवाजाही के लिए निजी वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक शटल बसें चलाएगी। जिससे टाइगर के आवास और मंदिर जाने वाले दर्शनार्थियों की भावनाओं के बीच संतुलन बना रहे। वहीं राज्य सरकार बफर जोन में चल रहे होटल व रिसॉर्ट्स संचालन का भी परीक्षण करेगी और अवैध पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह आश्वासन राज्य सरकार के एएजी शिवमंगल शर्मा ने बुधवार को वन व वन्य जीवों से संरक्षण से जुडे मामले की सुनवाई के दौरान दिया। राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट को यह भी आश्वस्त किया है कि वह टाइगर हैबिटेट प्रबंधन में सुधार और फील्ड स्टाफ की संख्या में बढोतरी भी करेगी ।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरिस्का टाइगर रिजर्व में पांडुपोल हनुमान मंदिर के लिए सीईसी की सिफारिशों की समीक्षा की। वहीं राज्य सरकार ने भी सीईसी की सिफारिशों का समर्थन किया और सरिस्का के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अपनी सहमति भी दी। एएजी ने अदालत को कहा कि वे इन सभी मुद्दों पर राज्य के मुख्य सचिव के साथ चर्चा करेंगे और क्षेत्र में टाइगर के आवास के उचित प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम भी उठाएंगे। मामले की आगामी सुनवाई 20 सितंबर को होगी।
दरअसल सीईसी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि 31 मार्च 2025 से पांडुपोल हनुमान मंदिर के सभी गेटों से निजी वाहनों की एंट्री रोक दी जाए और इनकी जगह पर ईवी शटल बसें चलाई जाएं। वहीं बसों के सुचारू संचालन के लिए मौजूदा सडकों की हालत भी सुधारी जाए। इन शटल बसों की पार्किंग मंदिर के पास ही हो और निजी वाहनों पर पाबंदी लगा दी जाए। इसके अलावा क्षेत्र ध्वनि प्रसारण यंत्रों पर भी तत्काल रोक लगाई जाए। सिफारिश में कहा गया कि बफर क्षेत्र में अनाधिकृत निर्माण को रोकना चाहिए और नियमों के खिलाफ निर्माण करने वालों के खिलाफ 30 सितंबर तक कार्रवाई की जानी चहिए। मंदिर में भोजन की तैयारी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और केवल बाहर से लाए भोग या प्रसाद की ही मंजूरी दी जानी चाहिए।