बसों से अधिक खुद के परिचालक, फिर भी बस सारथियों के भरोसे रोडवेज प्रशासन
ऋषि राज जोशी की रिपोर्ट: खुद के परिचालकों को लगा रखा ऑफिसों में, बस सारथी लगा रहे चूना
Ananya soch
अनन्य सोच। राजस्थान रोडवेज के पास वर्तमान में बसों से अधिक परिचालक है. फिर भी बस सारथियों को बसों में परिचालक लगा रखा है. ये बस सारथी बिना टिकट लोगों को यात्रा कराते हैं. इससे रोडवेज की छवि धूमिल होने के साथ ही राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. हाल ही में रोडवेज ने 289 ब्लैक लिस्ट बस सारथियों को बहाल कर पुनः लगा दिया है. रोडवेज के पास वर्तमान में 3413 (अनुबंधित सहित) बसें हैं और करीब 3500 खुद के परिचालक हैं. इसके बाद भी रोडवेज प्रशासन 1500 बस सारथियों से परिचालक का काम करवा रहा है. यदि रोडवेज प्रशासन कार्यालयों में लगे परिचालकों की रोडवेज बसों में ड्यूटी लगाए तो रोडवेज के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. वहीं कई डिपो में तो परिचालक फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र देकर ऑफिस में कार्य कर रहे है. इनकी भी जांच होनी चाहिए
बिना टिकट कई बार पकड़े गए
रोडवेज सीएमडी श्रेया गुहा के निर्देश पर पिछले दिनों प्रदेशभर में आकस्मिक चैकिंग अभियान चलाया गया था. इस दौरान बिना टिकट यात्रा कराते पकड़े गए परिचालकों में अधिकतर बस सारथी थे। कई जगह तो चैकिंग में आधे यात्री बिना टिकट मिले थे. इसके बाद बस सारथियों को ब्लैक लिस्टेट किया था. इन्हें अब पुनः बहाल कर दिया गया.
रोडवेज बना रहा सूची रोडवेज
प्रशासन अब डिपो व मुख्यालय में लंबे समय से लगे परिचालकों को हटाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए मुख्य प्रबंधकों से सूची मांगी जा रही है। वहीं रूट पर काम कर रहे परिचालकों ने ऑफिसों में लगे परिचालकों के पांच दिन ऑफिस में ड्यूटी करने के बाद दो दिन फील्ड में ड्यूटी कराने की मांग है.