होलाष्टक सात मार्च से, मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम

होलाष्टक सात मार्च से, मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम

Ananya soch: Holashtak will start from March 7, auspicious works will be stopped

अनन्य सोच। Holashtak news: इस बार 7 मार्च से होलाष्टक शुरू होगा. इस दौरान विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे  13 मार्च को होलाष्टक समाप्त होगा तथा इस दिन होलिका दहन भी होगा. आमतौर पर होली के बाद विवाह और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस वर्ष 14 मार्च को मलमास शुरू हो रहा है. मलमास के दौरान शुभ कार्य पर रोक रहती है। इस वर्ष विवाह समेत मांगलिक कार्य 13 अप्रैल को मलमास खत्म होने के बाद ही शुरू होंगे. ज्योतिषियों के अनुसार इस साल फरवरी से दिसंबर तक 42 विवाह मुहूर्त हैं. फाल्गुन में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होता है और पूर्णिमा यानी होलिका दहन तक रहता है. इस समय विवाह, मुंडन, नामकरण, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य करने पर रोक रहती है. इस अवधि में सभी ग्रह उग्र स्थिति में रहते हैं. इस कारण वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है, इसीलिए शुभ कार्यों पर रोक रहती है. 

किस महीने विवाह के कब-कब मुहूर्त:

फरवरी: फरवरी के बचे हुए दिनों में 25 को विवाह के मुहूर्त हैं, जबकि मार्च में होलाष्टक लगने से पहले 5 और 6 मार्च को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं. 

मार्च: 7 मार्च से होलाष्टक दोष और मीन मलमास शुरू हो जाएगा. इस कारण 14 मार्च तक कोई मुहूर्त नहीं है. 

अप्रैल: 14 अप्रैल से विवाह शुरू होंगे। अप्रैल में 14, 16, 18, 19, 20, 25, 29, 30 तिथि को विवाह मुहूर्त हैं. 

मई: मई में 5, 6, 7, 8, 13, 17, 28 मई को शुभ मुहूर्त हैं। इन दिनों में शुभ विवाह हो सकते

जून: जून माह में 1, 2, 4, 7, 8, 9, 10 जून को विवाह होंगे। 11 जून से गुरु अस्त होने से विवाह नहीं होंगे. 

देव शयन दोष: इस वर्ष 6 जुलाई से देव शयन

दोष लग जाएगा. इसके बाद विवाह 21 नवंबर तक नहीं होंगे. 

नवंबर:नवंबर में देव उठनी एकादशी के बाद 22 नवंबर से फिर विवाह मुहूर्त शुरू होंगे. नवंबर माह में 22, 23, 25, 30 नवंबर को विवाह के मुहूर्त हैं. 

दिसंबर: दिसंबर माह में दो दिन 4 और 11 दिसंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं. 

अबूझ मुहूर्त : साल के कुछ दिन अत्यंत शुभ माने जाते हैं और इन दिनों को विवाह के लिए मुहूर्त की जरूरत नहीं होती है. इस वर्ष 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया, 5 मई को जानकी नवमी, 12 मई को पीपल पूर्णिमा, 5 जून को गंगा दशमी, 4 जुलाई को भड़ल्या नवमी, 6 जुलाई को देवउठनी एकादशी और 2 नवंबर को अबूझ मुहूर्त होने से विवाह हो सकेंगे.