रामभद्राचार्य ने कहा, सरकारों में दम हो तो जाति आधारित आरक्षण बंद करे'

रामभद्राचार्य ने कहा, सरकारों में दम हो तो जाति आधारित आरक्षण बंद करे'

Ananya soch

अनन्य सोच। जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन बुधवार को कथावाचक रामभद्राचार्य महाराज ने राम भरत मिलाप का प्रसंग सुनाया.प्रसंग सुनकर कई श्रोता भावुक हो गए. भरत प्रसंग सुनाते हुए रामभद्राचार्य ने कहा कि भरत जी निषाद राज से कहते है- हे मित्र मुझे अर्थ नहीं चाहिए धर्म नहीं चाहिए, काम  या मनोवांछित विषय नहीं चाहिए. यहां तक की मुझे मोक्ष भी नहीं चाहिए. मुझे चाहिए क्या. मुझे जन्म चाहिए और जितनी बार जन्म लू सीताराम जी के चरण में मेरा प्रेम बना रहे. ऐसा त्याग देखकर कैकयी का पासा पूरी तरीके से पलट गया। यहीं से भगवान राम को मनाने भरत चित्रकूट के लिए गए. आज छोटी छोटी जातियों में हमारे राजनेता समाज को बांट रहे है. मैंने कहा है सरकारों में अगर दम हो तो जाति के आधार पर आरक्षण बंद किया जाए.आर्थिक आधार पर आरक्षण हो अपने आप जाति प्रथा समाप्त हो जाएगा. कोई एससी, एसटी, ओबीसी नही सब हिंदू एक है, सब भारतीय एक है. आर्थिक आधार पर आरक्षण कर दो. देख लेना थोड़े दिनों के बाद यही हाेगा. तब यह जाति वाला गृह युद्ध अपने आप समाप्त हो जाएगा. हमने सवर्ण में जन्म लेकर पाप किए है क्या? लेकिन सवर्ण का बालक शत प्रतिशत पाकर जूता सिलाई करे. एससी का बालक 4 प्रतिशत पाकर के कलेक्टर बन जाए. कैसे चलेगा ये देश. प्रतिभाओं में आरक्षण नहीं होना चाहिए.

सिटी पैलेस में होगी भागवत कथा

दीया कुमारी ने रामभद्राचार्य जी से कहा कि आप अगली बार सिटी पैलेस में कथा कीजिए. मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि आप जयपुर पधारे.  महाराज जी ने कहा की दिया कुमारी मेरी आध्यात्मिक की बेटी है. महाराज ने कहा मैं जल्द सिटी पैलेस में भागवत कथा करूंगा.