खबसूरत बहू नाटक के साथ खेला हास्य नाट्य समारोह का शुभारंभ

खबसूरत बहू नाटक के साथ खेला हास्य नाट्य समारोह का शुभारंभ

अनन्य सोच। कला, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, राजस्थान, जवाहर कला केन्द्र और क्यूरियो ए ग्रुप ऑफ परफोर्मिंग आर्ट सोसायटी, जयपुर की सहभागिता में कला संसार के तहत आयोजित खेला राष्ट्रीय हास्य नाट्य समारोह एवं संवाद प्रवाह का गुरुवार को आगाज हुआ। रंगमंच-फिल्म अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने समारोह का विधिवत उद्घाटन किया. इस अवसर पर विपिन तिवारी के निर्देशन में नाटक 'खबसूरत बहू' का मंचन किया गया. वहीं संवाद प्रवाह में निर्देशक विपिन तिवारी, साहित्यकार मायामृग के बीच नाटक पर साहित्यिक दृष्टि से चर्चा हुई, वरिष्ठ नाटकर्मी रुचि भार्गव नरुला इसमें मॉडरेटर रहीं. समारोह के तहत आज शुक्रवार को कृष्णायन में सायं 5 बजे अनिल मारवाड़ी के निर्देशन में भेळी बात और सायं सात बजे उत्पल झा के निर्देशन में रंगायन में द ज़ू स्टोरी नाटक का मंचन किया जाएगा. दोनों नाटकों के बाद संवाद प्रवाह होगा.

हिमानी शिवपुरी ने खेला और संवाद प्रवाह को एक यादगार समारोह बताया. खबसूरत बहू को जयपुर के नाटय निर्देशक एवं अभिनेता स्व. सुरेश सिंधु को समर्पित किया गया और उनके कृतित्व पर जयपुर की हिंदी और सिंधी रंगमंच की अभिनेत्री नंदिनी पंजवानी ने प्रकाश डाला. कल्पना संगीत एवं थिएटर संस्थान बीकानेर ग्रुप की ओर से प्रस्तुत नाटक "खबसूरत बहू" की कहानी नाग बोडस ने लिखी है.  
बालपन में विधवा हुई चाची जो अब वृद्ध हो चुकी है वैवाहिक जीवन के अनुभवों से अनभिज्ञ है यह कुंठा उसके मन पर हावी है, अपने भतीजे का विवाह धौलपुर की खूबसूरत युवती से करवाती है. कुंठा ग्रसित चाची नए—नए बहाने ढूंढकर बहू और भतीजे को साथ नहीं रहने देती। धौलपुर वाली के नाम से प्रसिद्ध बहू की सुंदरता से मोहित गांव के युवक उसके पीछे पड़े रहते हैं. इन्हीं में शामिल है लाखन और उसकी पत्नी बसंती जो बहू की सुंदरता से ईर्ष्या रखती है. बच्चे नहीं होने पर चाची भतीजे और बहू को एक बाबा के पास ले जाती है, बाद में सामने आता है कि लाखन ही बाबा का ढोंग कर रहा है. गांव वालों की समझाइश पर चाची, भतीजे और बहू को साथ रहने देती है. नाटक में हास्यास्पद रूप से सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वास और लोगों में व्याप्त कुंठाओं पर कटाक्ष किया गया. मंच पर भारतसिंह पुरोहित, संजीव पुरोहित, गितिका वालिया, अंजू भारती शर्मा, वर्षा बजाज, आमिर हुसैन, प्रियंका आर्य, प्रियांशु सोनी, सुरेश बिस्सा, केशव शर्मा, दिवाकर खत्री, सुमित सिंह, प्रदीप प्रजापत, भुवेश पुरोहित रहे. वहीं तबला पर गणेश व्यास, प्रकाश परिकल्पना विजयसिंह राठौड़, कॉस्टयूम प्रियंका पुरोहित, मेकअप व मंच सज्जा योगेश हर्ष, ढोलक, अशोक रंगा, गायन राजभारती शर्मा,  प्राची राजपुरोहित, आमिर हुसैन व सुनील व्यास ने किया.