कार्यक्रम ‘अंदाज अपना अपना’ में गूंजेे चार सुपर स्टार्स के गीत

मोहन बालोदिया की आवाज़ और उनके अंदाज़ ने जीवंत किए गायकों और सुपर स्टार्स के अक्स राजकपूर, राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना और संगीतकार श्रवण को समर्पित कार्यक्रम सुनने आए सैकड़ों फिल्म संगीत प्रेमी

कार्यक्रम ‘अंदाज अपना अपना’ में गूंजेे चार सुपर स्टार्स के गीत

अनन्य सोच, जयपुर। बॉलीवुड को सैकड़ों सुपरहिट फिल्मों और गीतों की सौगात देने वाले चार सुपर स्टार्स राजकपूर, राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना और नदीम-श्रवण की जोड़ी के संगीतकार नदीम को समर्पित एक कार्यक्रम ‘अंदाज अपना अपना’ रविवार को  महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। बालोदिया इवेंट्स की ओर से गायक मोहन कुमार बालोदिया के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मोहन बालोदिया और रश्मि बालोदिया के गाए गीत रहे। बालोदिया ने जहां अपनी आवाज़ से कभी मोहम्मद रफी, कभी किशोर कुमार तो कभी मुकेश की याद को ताज़ा किया वहीं अभिनय से सराबोर गाने के अंदाज़ से राजकपूर, राजेश खन्ना और राजेन्द्र कुमार की अदाओं को मंच पर साकार कर बड़ी संख्या में कार्यक्रम सुनने आए संगीत प्रेमियों को अपने मोहपाश में बांध लिया। इसी तरह रश्मि बालोदिया की आवाज़ में लता की मिठास तो आशा भौंसले की शोखी का अंदाज सुनने योग्य था। कार्यक्रम के दौरान हास्य कलाकार एम.एस. रंगीला और प्रथम कुमावत ने अपनी हास्य झलकियों से लोगों का भरपूर मनोरंजन किया।

प्रमुख उद्योगपति और समाजसेवी दिनेश गुप्ता समारोह के मुख्य अतिथि थे, अध्यक्षता पंकज भाटिया ने की। जाने माने कलाकार बिग बी के बिग फैन सुनील नाटानी समारोह के विशिष्ट अतिथि थे।

इन गीतों की प्रस्तुति रही खास

मोहन कुमार बालोदिया के गाए गीत तेरी प्यारी प्यारी सूरत को, छलके तेरी आंखों से, सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी रश्मि बालोदिया के साथ गाए मेरा प्यार भी तू है ये बहार, अंजली वर्मा के साथ ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं, दुनियां में लोगों को धोखा कभी हो जाता है कुछ ऐसे गीत थे जिसमें मोहन कुमार बालोदिया की आवाज़ और उनके अंदाज़ ने लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। रश्मि बालोदिया के गाए गीत अकेले हैं चले आओ में उनकी आवाज़ की गहराई ने लोगों को प्रभावित किया। कार्यक्रम में कुल 26 एकल और युगल गीत पेश किए गए।

इन कलाकारों के गाए गीत भी रहे आकर्षण का केन्द्र

नागेश भटनागर, सुधीर शर्मा, कृष्ण कन्हैया मीणा, राजीव माथुर, बेला माथुर, अंजलि वर्मा, विधि आचार्य, समीर सेन।कार्यक्रम का संचालन अरूण किम्मतकर ने किया।