मोबाइल बैन, वेद अनिवार्य: राजस्थान के गुरुकुल में तैयार हो रही संस्कारवान Gen Z

मोबाइल बैन, वेद अनिवार्य: राजस्थान के गुरुकुल में तैयार हो रही संस्कारवान Gen Z

Ananya soch: Mobile phones banned, Vedas compulsory: Rajasthan's Gurukuls are preparing cultured Gen Z

अनन्य सोच। Gen Z: आज की Gen Z जहां मोबाइल, इंटरनेट और सोशल मीडिया में डूबी हुई दिखती है, वहीं राजस्थान का एक गुरुकुल बच्चों को मोबाइल और टीवी से दूर रहकर वैदिक जीवन और भारतीय संस्कृति से जोड़ रहा है. यहां शिक्षा का लक्ष्य केवल ज्ञान देना ही नहीं, बल्कि अनुशासन, नैतिकता और संस्कारों से परिपूर्ण भविष्य की पीढ़ी तैयार करना है. 

संस्कारवान युवा तैयार कर रहा गुरुकुल

डीग के श्रीजड़खोर गोधाम में संचालित श्री गेणशदास भक्तमाली वेद विद्यालय में बटुक ब्रह्मचारी सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर योग, ध्यान, यज्ञ और गो सेवा करते हैं. वेद मंत्रों का उच्चारण, सूर्य उपासना और त्रिकाल संध्या उनकी दिनचर्या का हिस्सा है. इस प्रकार वे न केवल शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि आत्मबल और मानसिक स्थिरता भी विकसित कर रहे हैं. 

शिक्षा और दिनचर्या

गुरुकुल में सात वर्षीय पाठ्यक्रम के अंतर्गत वेद, संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी और गणित पढ़ाई जाती है. बच्चों को राष्ट्र रक्षक और सनातन संस्कृति के संवाहक बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है. आधुनिक जिम की जगह योग और पारंपरिक व्यायाम को प्राथमिकता दी जाती है. 

स्वामी  राजेन्द्र दास जी महाराज कहते हैं

*"हमारा उद्देश्य विलुप्त होती सनातन संस्कृति की रक्षा करना और संस्कारवान युवा तैयार करना है, जो राष्ट्र और संस्कृति दोनों के रक्षक बनें. 

मोबाइल और सोशल मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध

गुरुकुल में मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर का प्रयोग पूरी तरह वर्जित है. विद्यार्थियों को अभिभावकों से केवल सप्ताह में एक बार फोन पर बात करने की और महीने में एक बार मिलने की अनुमति दी जाती है. 

दिनचर्या और सात्विक जीवन

सुबह 4 बजे उठने के बाद ब्रह्मचारी प्रार्थना, वेद अभ्यास, योग, ध्यान, सूर्य नमस्कार और दो बार हवन करते हैं. गो सेवा अनिवार्य है और आत्मबल, करुणा तथा कृतज्ञता के विशेष अभ्यास कराए जाते हैं. 

यहां मांस, मदिरा और जंक फूड पर पूर्ण प्रतिबंध है. बच्चों को केवल सात्विक भोजन और गोवृति प्रसाद ही प्रदान किया जाता है. 

संस्कारों से समृद्ध भविष्य

जब दुनिया भर में Gen Z उपद्रव और व्यसनों की ओर बढ़ रही है, वहीं यह गुरुकुल बच्चों को संस्कृति और संस्कारों का रक्षक बना रहा है. यहां से निकलने वाले युवा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलंद भारत के सपने की जीवंत झलक हैं.