तिल का ताड़' ने गुदगुदाया

तिल का ताड़' ने गुदगुदाया

Ananya soch: comedy play

अनन्य सोच। comedy play 'तिल का ताड़' का मंचन रवीन्द्र मंच के मुख्य सभागार में गुरुवार को हुआ. राम सहाय पारीक निर्देशिक परिस्थितिजन्य हास्य पर आधारित ये नाटक एक ऐसे युवक (प्राणनाथ) की कहानी है, जो किराए पर मकान प्राप्त करने के लिए कुंवारा होकर भी स्वयं को विवाहित बता देता है. उसका कहना है कि उसकी पत्नी बाद में आ जाएगी. साल भर निकलने के बाद भी जब उसकी पत्नी नहीं आती तो मकान मालिक (धन्नामल) उस पर दबाव डालता है कि या तो वो अपनी पत्नी को लाए या मकान खाली कर दे. संयोगवश यह एक युवती (मंजू) को गुण्डों से बचाकर अपने घर में आश्रय देता है व मकान मालिक के समक्ष उसे अपनी पत्नी बता देता है. इसी बीच एक समाज सुधारक (पतित पावन) व एक ब्रह्मचारी भी वहां आते रहते हैं. ब्रह्मचारी प्राण को चरित्रहीन बता डालता है. कई मजेदार घटनाओं से गुजरकर नाटक एक सुखद अंत तक पहुंचता है.