बेला सुलाखे, मधुरा दातार और श्याम राज की प्रस्तुतियों ने समा बांधा

‘सुनहरे गीत और कुछ यादें’ कार्यक्रम में हुआ जयपुर-मुंबई के गायकों का संगम जयपुर के दस नामी गायकों ने भी सजाए गीत सुहाने

बेला सुलाखे, मधुरा दातार और श्याम राज की प्रस्तुतियों ने समा बांधा

Ananya soch:

अनन्य सोच। शहर में रविवार को बॉलीवुड के गीतों से सराबोर ‘सुनहरे गीत और कुछ यादें’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। बिड़ला ऑडिटोरियम में सिंगर राजेश शर्मा के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम में एक ओर जहां बॉलीवुड गोलडन एरा के तीन मशहूर कलाकार गायिका बेला सुलाखे, मधुरा दातार और सेक्सोफोन वादक श्याम राज ने अपनी दिलकश प्रस्तुतियों से शहर के संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया वहीं जयपुर के दस नामी गायक गायिकाओं ने भी एक से बढ़कर एक गीत गाकर ये जता दिया कि मौका मिले तो जयपुर की प्रतिभाएं भी किसी से कम नहीं।

ये कार्यक्रम संकल्प कल्चरल सोसायटी की ओर से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुंबई के इन कलाकारों के अलावा जयपुर के राजेश शर्मा, डॉ. साकेत माथुर, जय शर्मा, डॉ. अनिल शर्मा, जया शर्मा, राजश्री सेमंत, किशोर सरावगी, सतीश जैन,  सरिता काला और हेमंत सेकिया भी कई सुपर हिट गीतों की एकल और युगल रूप से प्रस्तुति देकर पूरे बिड़ला ऑडिटोरियम को बॉलीवुड के रंग मे ंरंग लिया।

चला सेक्सोफ़ोन की आवाज़ का जादू

कार्यक्रम में सेक्सोफोन वादक श्याम राज को बॉलीवुड संगीत में उनके अपूर्व योगदान के लिए ‘भक्त शिरोमणि मीरा बाई’ सम्मान से भी नवाजा गया। उन्होंने इस मौके पर जैसे ही इस वाद्य की धुन छेड़ी तो लोग वाह वाह कर उठे l उन्होंने इस मौके पर 'ये जवानी है दीवानी ' गीत की धुन को दिलकश अंदाज़ में बजाकर लोगों की खूब वाहवाही लूटी l श्याम राज ने लक्ष्मी कांत प्यारे लाल, राजेश रोशन, आर.डी. बर्मन, आनंद मिलिंद, नदीम श्रवण, अदनान सामी, बप्पी लाहिड़ी जैसे संगीतकारों के कई सुपर हिट गीतों में सैक्सफोन वादन कर पहचान कायम की है।

कार्यक्रम संचालन डॉ. सालेहा गाजी ने किया।
इस कार्यक्रम में सभी कुछ परफेक्ट था फिर चाहे वो गानों के सलेक्शन की बात हो, प्रस्तुतिकरण के अंदाज का तकाजा हो अथवा संगीतकारों को संगत का सभी ने मिलकर इस कार्यक्र्रम को सुरूचीपूर्ण बना दिया जिसका देर तक जयपुराइट्स ने जमकर लुत्फ उठाया।

इन गानों ने जीत लिया श्रोताओं का दिल

करीब ढाई घंटे अनवरत चले इस कार्यक्रम में जयपुर-मुंबई के कलाकारों ने कुल 27 दिलकश गीतों की माला सजाई लेकिन "मस्त बहारों का मैं आशिक', चाँद आहें भरेगा, सुहानी रात ढल चुकी,सुहाना सफर और ये मौसम हसीं, आने वाला पल जाने वाला है, तुम्हे देखती हूं तो लगता है ऐसे और मन क्यूं बहका री बहका ऐसे गीत थे जिनके भावों नें श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध कर दिया l 

अमर गायक किशोर कुमार प्रोत्साहित करते थे बेला और मधुरा को

अमर गायक किशोर कुमार के साथ कई मंचीय कार्यक्रम दे चुकीं बेला सुलाखे को किशोर कुमार ‘हमारी छोटी लता’ कहकर पुकारते थे, इसी तरह आशा भौंसले के गीतों को गाने में दक्ष मधुरा दातार बॉलीवुड में ‘प्रति आशा’ के नाम से जानी जाती हैं।