Musical talk show: एलएम ईश्वर फाउंडेशन की ओर से आयोजित हुआ म्यूजिकल टॉक शो
Musical talk show: संगीत के साथ कवियों के रचनाओं ने बनाया खुशनुमा माहौल
Ananya soch : Musical talk show
अनन्य सोच। Musical talk show: कोरोनाकाल में फैले डिप्रेशन से उबरने के लिए बना ऑनलाइन ग्रुप के सदस्य आज ऑफलाइन भी मिलने लगे। मौका था एलएम ईश्वर फाउंडेशन की ओर से एक म्यूजिकल टॉक शो (Musical talk show) काव्यांजलि विद डॉ. रागिनी ईश्वर का. राजापार्क स्थित एक कैफे में आयोजित इस Musical talk show में मौजूद लोगों ने अपनी रचनाएं सुनाई, साथ ही संगीतज्ञ धर्मवीर भाटिया के साथ जुगलबंदी में पुराने सदाबहार गीत भी गाए.
फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. रागिनी ईश्वर ने बताया कि कार्यक्रम में जयपुर के कवियों के साथ एक म्यूजिकल टॉक शो हुआ, जिसमें कवियों ने अलग अलग रसों से प्रेरित अपनी रचनाएं सुनाई. अभी तक हम यह टॉक शो ऑनलाइन आयोजित करते आ रहे थे लेकिन इसे पहली बार ऑफलाइन आयोजित किया. इस दौरान वहां मौजूद कवियों ने सुहाना सफर, पुकारता चला हूं मैं, कौन कहता है मोहब्बत की जुबां होती है, मैं शायर तो नहीं जैसे सदाबहार नगमें भी गाए. कार्यक्रम में शशि सक्सेना, सीमा शर्मा, अर्चना जैन, पूर्णिमा छाबड़ा जैन, विजय मिश्रा दानिश, सीमा शर्मा, अर्चना जैन, वाणी धमानी, रिजवान ऐजाजी, ज्योत्सना सक्सेना, प्रोमिला राजीव ने अपनी रचनाएं सुनाई.
कार्यक्रम में विजय मिश्रा दानिश ने 'करूंगा काम कुछ ऐसा जमाने से जुदा होगा’, अर्चना जैन ने 'हटा दूंगी यादों को उन सब झाड़ियों को’, रिजवान ऐजाजी ने 'ऐ मेरे हसीं सुर्ख गुलाब और ये जमीं मेरी, ये आसमां मेरा’, ज्योत्सना सक्सेना ने 'सरल नहीं ही प्रेम रे’ और प्रोमिला राजीव ने 'वो पल याद आते हैं मुझको सभी अब’ रचना सुनाई. इसके अलावा सीमा शर्मा ने अपनी कविता 'धनिए की पीले पत्ते’ और वाणी धमानी ने अपनी कविता ‘जिंदगी’ के कुछ अंश पढ़कर सुनाए.