natak shreeman dhokha: नौटंकी नाटक श्रीमान धोखा में कलाकारों ने प्राचीन कला को किया जीवंत
Ananya soch: natak shreeman dhokha
अनन्य सोच। natak shreeman dhokha: बैठ गए रथ में रानी संग, नहीं विलम्ब लगाया है, हो प्रसन्न मन तुरत भूप ने रथ को फिर दौड़ाया है।। कुछ ऐसे ही आल्हा गायकी के बोलों और नगाड़े की टंकार के साथ नौटंकी नाटक श्रीमान धोखा (natak shreeman dhokha) की शुरुआत हुई। वरिष्ठ रंगकर्मी कुलदीप शर्मा व सहायक निर्देशक प्रभा शर्मा की देख-रेख में प्रस्तुति की मुख्य अतिथि नाट्य विभाग आरयू की विभागाध्यक्ष प्रो. अर्चना श्रीवास्तव रहीं.
नौटकी मूल रूप से गायकी प्रधान नाट्य शैली है। इसके गायन में लोक धुनों, बहरे तवील, दोहा, चैबोला, आल्हा आदि का प्रयोग कर कहानी का वर्णन किया जाता है। निर्देशक कुलदीप शर्मा व प्रभा शर्मा की टीम ने मुकेश वर्मा सोनी के संगीत निर्देशन में अभिनेताओं से मेहनत कराई.
इस दौरान संगीत शोधार्थी अनमोल दीप के सहयोग को उल्लेखित किया। कलाकारों में प्रिंस तलवारिया, हर्षित शर्मा, लोकेश वर्मा, नेहा बूटोलिया, वैशाली शर्मा, किरण, हर्षिता वर्मा, गुरू प्रसाद व हिमांशु वर्मा ने प्रमुख भूमिकाए निभाई। साथ ही विकास, मनीष, माताचरण आदि ने सहायकों की भूमिका में प्रस्तुति दी.