तीन दिन में किए छह लाख गायत्री महामंत्र जाप

तीन दिन में किए छह लाख गायत्री महामंत्र जाप

Ananya soch: Six lakh Gayatri Mahamantra chanted in three days

अनन्य सोच। चैत्र के वासंतिक नवरात्र में सबकी सद्बुद्धि और सबके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ किरण पथ मानसरोवर स्थित वेदमाता गायत्री निवारण केन्द्र में सूर्योदय से सूर्यास्त तक गायत्री महामंत्र का जप किया जा रहा है. प्रतिदिन सुबह गायत्री महायज्ञ भी हो रहा है। सामूहिक साधना से जुड़े भोजराज पारीक ने बताया कि प्रतिदिन करीब दो लाख गायत्री महामंत्र का जप किया जा रहा है। तीन दिन में करीब छह लाख गायत्री महामंत्र का जप हो चुका है. जप के लिए आरामदायक आसन की व्यवस्था की गई है. जो जमीन पर बैठने में सक्षम नहीं है उन्हें कुर्सी पर जप करने की छूट हैै. गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि वेदना निवारण केन्द्र पहुंचकर गायत्री महामंत्र जप कोई भी व्यक्ति कर सकता है. 

गायत्री महामंत्र, मिलता है वेद विद्या का लाभ

उल्लेखनीय है कि चारों वेदों में विश्व का समस्त ज्ञान विज्ञान भरा हुआ है। भौतिक और आध्यात्मिक-लौकिक और पारलौकिक सुख-शांति के सारे भंडार वेदों में छिपे हुए हैं. समस्त प्रकार की सिद्धियों और शक्तियों को प्राप्त करने के रहस्य वेदों में मौजूद हैं. गायत्री वेद माता है। उसमें वेदों में सन्निहित समस्त विद्याएं बीज रूप से मौजूद हैं. वेद विद्या के विस्तृत क्षेत्र में जो कुछ मौजूद है, उसका सार गायत्री में समाया हुआ है. इसलिए गायत्री उपासना करने वाला वेद विद्या के समस्त लाभों को प्राप्त कर सकता है. 

गायत्री में ब्रह्मा, विष्णु, महेश की तीनों शक्तियां समाई हुई हैं, गायत्री में वेदत्रयी भी सन्निहित है। गायत्री वेद जननी और गायत्री पाप नाशिनी है. 

नियमित रूप से गायत्री उपासना का प्रभाव सबसे प्रथम मनुष्य के मन: क्षेत्र पर पड़ता है. उसके कुविचार दूर होते हैं, दुष्कर्मों में घृणा उत्पन्न होती है, आत्म निरीक्षण में अभिरुचि होती है और अपने अंदर जो जो दोष दुर्गुण हैं उसे उपासक ढूंढ़-ढूंढ़ कर तलाश करता है. उनकी हानियों को समझता है और उन्हें त्यागने को तत्पर हो जाता है. इस प्रक्रिया के कारण उसका वर्तमान जीवन पापमुक्त होता है और जैसे जैसे यह पवित्रता बढ़ती है उसी अनुमान से पूर्व जन्मों के दुष्कृत संस्कार भी घटने और नष्ट होने लगते हैं. इसीलिए गायत्री को पाप-नाशिनी, मोक्ष-दायिनी, कल्याण-कारिणी कहा गया है. 

गायत्री महा मंत्र की उपासना से उत्पन्न आध्यात्मिक शक्ति से मनुष्य के लौकिक जीवन पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है और उसकी अनेकों आपत्तियों तथा कठिनाइयों का समाधान होकर सुख, समृद्धि, सौभाग्य, सफलता एवं उन्नति के अवसर प्राप्त होते हैं. उपासकों के अनुभवों से भी यह प्रत्यक्ष है और शास्त्र वचनों से भी इसकी पुष्टि होती है.