Rajasthani actress: मेरे फिल्म करियर पर बिखरे हैं राजस्थान के रंग - प्रियंका चौहान

Rajasthani actress: मेरे फिल्म करियर पर बिखरे हैं राजस्थान के रंग - प्रियंका चौहान

Ananya soch: Rajasthani actress

 अनन्य सोच। Rajasthani actress: मैं मूलत: पटना की रहने वाली हूं पर मेरे film career की शुरूआत में ही राजस्थान के रंग चढ गए हैं. मैं राजस्थान में कई बार पहले भी  शूटिंग करने आ चुकी है. यह कहना है अभिनेत्री प्रियंका चौहान (actress priyanka chauhan) का. जयपुर में आयोजित Rajasthan International Film Festival में शिरकत करने आई priyanka chauhan को उनकी film she justified के लिए बेस्ट एक्ट्रेस best actress का award मिला है. प्रियंका इन दिनों mumbai film industry में सक्रिय हैं.

अभिनय के सफर की शुरूआत कैसे हुई ? 

बचपन से ही dance और films का शौक था.  स्कूल पास किया तो graduation में ही नाटक को विषय के रूप में लेकर अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद में बंगलोर चली आई  यहां पर करीब सात साल तक मैंने बच्चों को रंगंमंच और नाटक सिखाया. ये अनुभव मेेरे लिए विराट रहा, क्योंकि बच्चों के साथ काम करते हुए मैंने खुद को भी बतौर actress ग्रो किया. इसके बाद एक दिन मुझे मैंगी मंच प्रोडक्शन हाउस की ओर से कन्हा जी फिल्म में काम करने का मौका मिला. इसके बाद हमने फिल्म शी जस्टीफाइड भी की। प्रोडक्शन हाउस मैंगीमंच की प्रमुख मानसी दाधीच मूलत: बीकानेर की रहने वाली हैं तो इन फिल्मों की शूटिंग राजस्थान में हुई जिससे मेरा जुड़ाव राजस्थान से करियर की शुरूआत में ही हो गया.

शी जस्टीफाई फिल्म किस विषय पर आधारित है ?

यह फिल्म महिलाओं के दर्द को बयां करती हैं। मध्यमवर्गीय महिलाएं निचले तबके की महिलाओं को जज करती हैं पर उनके साथ जो घटित हो रहा है। वह किसी गली मोहल्ले चौराहों पर नहंीं पहुंच पाता है। कितनी ही ऐसी महिलाएं हैं जो ऊपर से हमें बहुत खुश दिखाई देती हैं पर घर की चारदीवारी में वे सिर्फ मोम की गुडिय़ा हैं। मध्यमवर्गीय महिलाओं का किस तरह घर के अंदर ही भावनात्मक शोषण होता है। ये बात यह फिल्म बयां करती है.

 मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के अनुभव कैसे रहे ?

मैं पिछले दो साल से मुंबई में हूं। मैंने दानव, कालिख, कान्हा जी और शी जस्टीफाई जैसी फिल्में की इसके साथ दो बॉलीवुड और दो साउथ की फिल्में भी कर रही हूं। दो साल के लिहाज से सोचती हूं कि मेेरे पास अभी ठीकठाक काम हैं। मैं अतिउत्साही नहींं हूं। कई बार कासिंटग को लेकर कुछ बुरे अनुभव होते हैं। जब लोग अभिनय से इतर कुछ और कराना चाहते हैं लेेकिन हमारे पास पारिवारिंक संस्कार हैं जो हमें इस तरह की मुश्किलों से निजात दिलाते हैं। मैंने अपने लिए साफ रास्ता चुना है और मुझे ईश्वर की कृपा से लगातार मौके मिल रहे हैं.