सर्द शाम को संगीत के सुरों ने गरमाया

सर्द शाम को संगीत के सुरों ने गरमाया

Ananya soch

अनन्य सोच। जज्बात, प्यार, मोहब्बत आदि कई रंगों से भरे फिल्मों, गैर फिल्मी और सूफियाना कलामों को बुधवार की सर्द शाम में मुंबई और शहर के कई कलाकारों ने अपने सुरो को सगीत की लय-ताल में पिरो कर पेश किया और शाम को पूरी तरह महका दिया. स्नेह सुर मंडल की ओर से जवाहर कला केंद्र के रंगायन ऑडिटोरियम में यह म्यूजिकल प्रोग्राम ʽइबादत-ए-मौसिकीʽ संजोया गया. सुरों से सजी इस शाम में कलाकारों ने अपने रसपूर्ण स्वरों से लबरेज कर कार्यक्रम को एक सुंदर छवि दी. शुरूआत सविता कट्टा ने शिव स्त्रोत से की. सुरों की गहराई में उतर कर मुंबई से आए मयूख पारीक और चेतन्य शिंदे ने गणेश वंदना से अपना अपना कार्यक्रम शुरू कर कुछ सूफियाना कलाम सुना कर माहौल को आध्यात्मिक बना दिया. स्नेह सुर मंडल के सचिव डाॅ. जी.डी. पारीक ने इस अवसर पर कई लोकप्रिय राजस्थानी गीतो का मेडले सुना कर लोगों को एंटरटेन किया. इसी कड़ी में अतिथि कलाकार गायक मोहम्मद अमान ने शास्त्रीय गायकी का रंग जमाते हुए राग मेघ मल्हार में निबद्ध एक गीत पेश किया. कार्यक्रम में संतोष पारीक ने इस गीत ʽलुका छिपी बहुत हुईʽ और नीलम शर्मा ने ʽतूने ओ रंगीले कैसा जादू कियाʽ सुना कर लोगों की वाहवाही लूटी. खचाखच भरे हाॅल में मयूख पारीक और चेतन्य शिंदे ने इन गीतों, ʽआओ बलमा, मेरे ढोलना, गरज गरज, ये जवानी है दीवानी, जिंदगी मिल कर बिताएंगेʽ आदि गीतों में अपने सुरीले स्वर पिरोए. कार्यक्रम में डाॅ़ सुधीर कट्टा ने इस गीत ʽजो तुम को हो पसंद वही बात करेंगेʽ सनाया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामाश्रम सत्संग मथुरा के आचार्य संजीव कुमार रहे. संचालन अजमेर से आए एंकर दिलीप कुमार पारीक ने किया.