आज आनंद बरसा है संसार में... हम करें दीपों से स्वागतम
अनन्य सोच। गीत और भजन सुनकर छोटी दिवाली और रूप चौदस को जयपुराइट्स कला के रंग में रंगे दिखाई दिए. सभी ने गायक को दिवाली की बधाई दी. मौका था नेट थिएट कार्यक्रमों की कड़ी में गायक संजय माहेश्वरी की प्रस्तुति का. उन्होंने मधुर कंठ से गीत और भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को दीपावली के स्वागत का आगाज किया. राजेंद्र शर्मा ने बताया, कि गायक संजय माहेश्वरी ने संगीतकार पं. आलोक भट्ट द्वारा संगीतबद्ध किए भजन प्रस्तुत किया. कार्यक्रम की शुरुआत तुलसीदास रचित भजन गणपति विघ्न विनाशन हारे से की. इसके बाद उन्होंने मेरे सामने आओ शिव शंभू मुझे दरश दिखाओ, शिव शंभू, शिव-शिव-शिव-शिव नाम सुमिर नर सकल मनोरथ पूरणकारी, धीरे से बहो गंगा मैया उस पार हमें जाना है, कितक दिन हरि सुमिरन बिन खोए (सूरदास) जो सुख होत गोपाल ही गाए (सूरदास) प्रस्तुत कर मंत्र मुग्ध कर दिया.
कार्यक्रम के अंत में दीवाली गीत से जो विशेष रूप से कार्यक्रम के लिए आलोक भट्ट द्वारा रचित और संगीतबद्ध किया गया था सुनाया गया. इनके साथ तबले पर नवल डांगी, ऑक्टोपैड पर सतीश शर्मा और हारमोनियम पर बृजेश व्यास ने असरदार संगतकार दीपोत्सव कार्यक्रम में रोशनी पैदा कर इस संध्या को सुरमई बना दिया. कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी कैमरा और लाइट्स मनोज स्वामी, मंच व्यवस्था अंकित शर्मा नोनू और जीवितेश शर्मा की रही.