Dr. Vijay Verma: डॉ. विजय वर्मा ने लोक-विधाओं और लोक रूपों का अध्ययन करते हुए घर को बनाया मिनी संग्रहालय

Dr. Vijay Verma: डॉ. विजय वर्मा ने लोक-विधाओं और लोक रूपों का अध्ययन करते हुए घर को बनाया मिनी संग्रहालय

Ananya soch: Dr. Vijay Verma

अनन्य सोच। Dr. Vijay Verma: जेकेके के पहले महानिदेशक रहे डॉ. विजय वर्मा (Dr. Vijay Verma) का मंगलवार को 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वर्मा ने जवाहर कला केन्द्र के प्रथम महानिदेशक रहते हुए केन्द्र को विश्वस्तर पर स्थापित करने और कला एवं संस्कृति के कल्याण के लिए अद्वितीय योगदान दिया. 1935 में उत्तर प्रदेश में जन्में डॉ. वर्मा का 1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयन हुआ. डॉ. वर्मा ने पारंपरिक लोक कलाओं और लोकसाहित्य के गंभीर अध्येता के रूप साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में विशेष पहचान स्थापित की. गौरतलब है कि जेकेके के निर्माण के समय उनको केन्द्र की जिम्मेदारी दी गई थी. चार्ल्स कोरिया भवन के कॉन् पर यहां म्यूजियम को लेकर प्लान कर रहे थे. वे यहां कपड़े, आर्म्स सहित कई विषयवस्तुओं को म्यूजियम के रूप में डिस्प्ले करने की योजना में थे. सबसे पहले क्षेत्रीय लो संगीत के कार्यक्रम शुरु किए। इसके लिए कलाकारों के गांव जाकर कार्यक्रम करवाए थे. वर्मा ने लोक-विधाओं और लोक रूपों का अध्ययन करते हुए अपने निजी प्रयत्नों श्रव्य और दस्तावेज के रूप में अपने घर में एक मिनी संग्रहालय भी तैयार किया था. 

वर्मा की कृति लोकावलोकन के लिए उन्हें केके बिरला फाउंडेशन के बिहारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्होंने लोक-विधाओं और लोक रूपों का अध्ययन करते हुए नि प्रयत्नों से श्रव्य और दस्तावेज के रूप में विपुल संग्रह तैयार किया. संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से विजय वर्मा को सम्मानित किया गया. इन्हें सम्पूर्ण योगदान और स्कॉलरि वर्ग में यह सम्मान मिला था.