कलाकार को कभी-कभी अपनी पीठ खुद थपथपा लेनी चाहिए-  नरेंद्र गुप्ता

राजस्थान फोरम की डेजर्ट स्टॉर्म सीरीज़ में रूबरू हुए अभिनेता, लेखक और निर्देशक नरेंद्र गुप्ता।  डॉ लता सुरेश ने विभिन्न रोचक सवालों के जरिए नरेंद्र गुप्ता के अभिनय सफर से सबको रूबरू करवाया

कलाकार को कभी-कभी अपनी पीठ खुद थपथपा लेनी चाहिए-  नरेंद्र गुप्ता

अनन्य सोच, जयपुर। राजस्थान फोरम की डेजर्ट स्टॉर्म सीरीज़ में मंगलवार को भारतीय रंगमंच के जाने-माने अभिनेता, निर्देशक और लेखक नरेंद्र गुप्ता रूबरू हुए। रंगमंच के अलावा टेलीविजन और फिल्मों का भी एक जाना-पहचाना चेहरा है नरेंद्र गुप्ता। इन्होंने सीआईडी में अपने किरदार फॉरेंसिक डॉ सालुंके से प्रसिद्धि हासिल की।

डॉ लता सुरेश ने उनके अभिनय सफर पर बात करने से पहले दिलचस्प अंदाज में नरेंद्र गुप्ता का स्वागत किया 'किरदार याद रह जाते हैं पर्दा गिरने के बाद'।
नरेंद्र गुप्ता ने बताया कि मैं विज्ञान का विद्यार्थी रहा पर अभिनय प्रेम ने एक अभिनेता बना दिया। उन्होंने कहा जो भी कलाकार यह मान लेता है की मैं अपनी कला में  मास्टर हो गया वो मर जाता हैं और मैं मरना नहीं चाहता। अभिनय की शुरुआत थिएटर से हुई और मुंबई में पहला रोल 'लाइफ- लाइन' में एक डॉक्टर का निभाया। करोना काल की बात करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय ऐसा था कि लगता था मानो हवा ने भी चलना बंद कर दिया। उस समय बहुत से लोग डिप्रेशन में आए, मैं भी आया पर डिप्रेशन तो उन्हीं को होता है जो जिंदा है जो मर गया उसे क्या तनाव होगा। उस माहौल में हताशा से गुजरने के बाद भी सभी ने कुछ ना कुछ किया और मैंने भी किया। उन्होंने कहा एक अभिनेता को नेगेटिव करैक्टर को भी पॉजिटिव सोच के साथ करना होता हैं। एक अच्छे अभिनेता को कविता पढ़ने के साथ-साथ कविता गढ़ना भी आना चाहिए। जाते जाते उन्होंने एक बहुत प्यारी कविता से अपनी बातचीत समाप्त की और अंत में कहा
'जीवन के संघर्षों को उत्सव बना ले सांसो का आना जाना त्योहार बन जाएगा।'

इस मौके पर शहर के कई गणमान्य व्यक्ति, कलाकार और कला प्रेमी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरूआत में राजस्थान फोरम सांस्कृतिक समन्वयक सर्वेश भट्ट ने अतिथियों और कलाकारों का अभिनंदन करते हुए डेजर्ट स्टॉर्म श्रंखला की जानकारी दी। इस मौके पर  राजस्थान फोरम के सभापति पंडित विश्व मोहन भट्ट ने अभिनेता नरेंद्र गुप्ता का स्वागत करते हुए सभी अतिथियों का अभिनंदन किया।अन्त में फोरम के सदस्य डॉ मधु भट्ट तैलंग, पद्मश्री गुलाबों, इकराम राजस्थानी और अशोक राही ने स्मृति चिन्ह देकर नरेंद्र गुप्ता को सम्मानित किया।