Lokrang Mahotsav: लोकरंग लोक विधाओं की मनमोहक प्रस्तुतियों से सज़ा

Lokrang Mahotsav: मध्यवर्ती में 6 राज्यों की 10 लोक विधाओं की प्रस्तुति

Lokrang Mahotsav: लोकरंग लोक विधाओं की मनमोहक प्रस्तुतियों से सज़ा

Ananya soch: Jawahar Kala Kendra

जयपुर। Lokrang Mahotsav: जवाहर कला केन्द्र (Jawahar Kala Kendra) की ओर से आयोजित लोकरंग महोत्सव (Lokrang Mahotsav) ने गुलाबी नगरी को लोक संस्कृति के रंग में रंग दिया है. Lokrang Mahotsav के दूसरे हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग शिल्पग्राम में लगे राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में पहुंच रहे हैं. लोक विधाओं की प्रस्तुतियां मेले को खास बना रही है. मध्यवर्ती में राष्ट्रीय लोक नृत्य समारोह के अंतर्गत 6 राज्यों की 10 लोक विधाओं की प्रस्तुति हुई. कुल 220 कलाकारों ने प्रस्तुति दी.

शिल्पग्राम में शहनाई और नगाड़ों की धुन के साथ सभी का स्वागत किया गया. यहां बहुरूपिया, नट, कठपुतली सभी का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। मुख्य मंच पर कुचामनी ख्याल, भपंग, कालबेलिया, चरी नृत्य व अन्य प्रस्तुतियां हुई. 

मध्यवर्ती में तमिलनाडु के वाद्य वृंद 'नयनादिमेलम' की जोशीली प्रस्तुति के साथ समारोह की शुरुआत हुई. नयनादिमेलम मंगलकामानाओं की सूचक विधा है, प्रदेश में हर लोक सांस्कृतिक प्रस्तुति का आगाज इसी के साथ किया जाता है. नादस्वरम, तविल और पम्बई जैसे वाद्ययंत्रों की धुन इसमें समावेशि​त होती है. लोक गायिका परविन मिर्जा ने ढूंढाड़ी लोक गायन से सभी को राजस्थानी रंग में रंग दिया। गुजरात से आए कलाकारों की थाली रास प्रस्तुति ने माहौल को कृष्णमय कर दिया. हाथों में थाली लेकर नृत्य करते हुए कृष्ण व गोपियों के रास को यहां प्रदर्शित किया गया। 'छन-छन पंजेब मेरी छनके' गीत पर जम्मू-कश्मीर से आई नृत्यांगनाओं ने 'पंजेब नृत्य' की प्रस्तुति दी। यह विधा शृंगार रस प्रधान रही. करघम यानी कलश और अट्टम यानी नृत्य. वर्षा की देवी मरिय्यमा को प्रसन्न करने वाले तमिलनाडु के करघट्टम नृत्य में महिलाओं ने सिर पर कलश लेकर नृत्य किया, रोमांचित करने वाला संतुलन इस नृत्य में दिखा. 

इसके बाद चंग की थाप से मध्यवर्ती गूंज उठा. शेखावाटी की शान कहे जाने वाला चंग नृत्य होली के अवसर पर किया जाता है. गुजरात के सौराष्ट्र में होने वाले रासड़ो और हरियाणा के फाग के साथ कार्यक्रम आगे बढ़ा. हाथों से वाद्ययंत्र 'थप्पू' बजाते हुए थपट्टम नृत्य करते तमिलनाडु के कलाकारों ने सभी को ऊर्जा से भर दिया.पंजाब से आए कलाकारों ने जिंदवा नृत्य पेश किया.