JLF news: कर्नाटक संगीत की भक्तिमय स्वर लहरियों से हुई सुबह की शुरुआत 

नवल पांडेय।

JLF news: कर्नाटक संगीत की भक्तिमय स्वर लहरियों से हुई सुबह की शुरुआत 

Ananya soch: Jaipur Literature Festival

अनन्य सोच। jlf news: जे एल एफ के पहले दिन आज सुबह के संगीत में कर्नाटक म्यूजिक की सिंगर कंपोजर सुप्रिया नागराजन की प्रस्तुति थी। मुंबई में जन्मी सुप्रिया पाँच साल की उम्र से गा रही हैं। 2005 में बने म्यूजिकल बैंड “मानसमित्रा” की संस्थापक सुप्रिया अभी यू के में रहती हैं। मानसमित्रा के ज़रिए सुप्रिया ने देश -विदेश में आर्ट की विभिन्न विधाओं में कई नए प्रयोग किए हैं। नेपाल , थाईलैंड, कंबोडिया और भारत में उनके कई शो हो चुके हैं । 
आज के कार्यक्रम की खास बात रही बिना किसी वाद्य संगत के सुप्रिया की सोलो प्रस्तुति जो उन्होंने पहली बार की है।  आज जब उन्होंने मीरा की रचना “करुणा सुनो श्याम मोरी, मैं तो होई रही चेरी तोरी, तुम्हरी कारण सब सुख छाड़ी, अब मोहे क्यूँ तरसाओ , विरह व्यथा लागे मोहे अंतर ,जो तुम आ ही बुझाओ” सुनाई तो बिना किसी वाद्य के भी उनका सुरीले सुर की पवित्रता से समूचा माहौल गूंज उठा । यही प्रभाव उनके द्वारा प्रस्तुत कबीर की रचना “गुरु कृपा जिन पाई मेरे भाई, राम विचारित सुझत नाहीं, जय जय राम जानकी राम,दर्शन दे दो सीताराम” के साथ भी हुआ। इससे पहले उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत राग भैरवी में कंपोज राम स्तुति “राम कोदंड” से की। सुबह के शांत वातावरण में उनकी मधुर आवाज ने भक्ति की रसधार बहा दी। उनकी दूसरी प्रस्तुति कर्नाटक संगीत में लयबद्ध शंकर स्तुति रही।ब्रह्मानंदम उनकी तीसरी रचना थी। कार्यक्रम का समापन उन्होंने “राम भी तू रहीम भी तू, ईसा तू है गुरु गोविंद तू, तेरे नाम अनेक पर एक है तू” वंदना से की ।