Rajasthan Forum's Desert Soul Series: राजस्थान फोरम की डेजर्ट सोल सीरीज़ में रूबरू हुईं जानी मानी लोक गायिका सीमा मिश्रा 

Rajasthan Forum's Desert Soul Series: लोक संगीत को प्रोत्साहित करने के लिए पहले भाषा को प्रोत्साहन देना होगा, और भाषा को मान्यता देने की शुरुआत घर से होगी : सीमा मिश्रा

Rajasthan Forum's Desert Soul Series: राजस्थान फोरम की डेजर्ट सोल सीरीज़ में रूबरू हुईं जानी मानी लोक गायिका सीमा मिश्रा 

Ananya soch: Rajasthan Forum's Desert Soul Series

अनन्य सोच। Rajasthan Forum's Desert Soul Series में प्रदेश की जानी मानी लोक गायिका सीमा मिश्रा शहर के संस्कृति प्रेमियों से रूबरू हुईं . इस मौके पर राजस्थान फोरम की सदस्या और रंगकर्मी डॉ. सालेहा गाज़ी ने विभिन्न रोचक सवालों के जरिए सीमा मिश्रा की तीस वर्ष से भी अधिक की लोक गायकी की यात्रा में आए विभिन्न पड़ावों और सीमा द्वारा इस क्षेत्र में किए गए कार्यों को वहां मौजूद श्रोताओं के समक्ष रखा.

डेजर्ट सोल सिरीज़ राजस्थान फोरम की पहल है, जिसका आयोजन ITC राजपूतना के सहयोग से किया जाता है और ये सीरीज श्री सीमेंट के सी. एस. आर इनिशिएटिव के तहत सपोर्टेड है. इस सीरीज में राजस्थान की उन हस्तियों के कृतित्व पर चर्चा की जाती है, जिन्होंने राजस्थान में रह कर उल्लेखनीय कार्य किया है.

-अगर ठान लिया जाए तो चुनौती कुछ नहीं होती

अपने लोक गायकी के सफर के बारे में बताते हुए सीमा मिश्रा ने कहा कि अगर ठान लिया जाए तो चुनौती कुछ नहीं होती. मैंने यही किया और ठान लिया कि मुझे गायन में ही भविष्य बनाना है. मेरे इस दृढ निश्चय से हर चुनौति सफलता बनती चली गई.

मेरे संगतकार मेरा परिवार है

अपने संगतकारों का ज़िक्र करते हुए सीमा ने कहा कि बिना साज के आवाज़ अधूरी रहती है. मेरे संगतकार मेरा परिवार हैं, मैं अपने हर कार्यक्रम में उन्हें खुद के समान ही आदर दिलवाती हूं. मैं जहां ठहरती हूं, जो खाती हूं, जिस साधन से जाती हूँ उन्हें भी वही सुविधाएं दिलवाती हूं. 

आज भी लोग मुझे चेहरे से कम आवाज़ से ज़्यादा पहचानते हैं

बातचीत के दौरान सीमा ने बताया कि लोग मुझे नाम से कम और उनके काम यानी आवाज़ से ज़्यादा पहचानते हैं. एक वाकिया सुनते हुए उन्होंने कहा कि एक मंदिर के बाहर भजनों की कैसेट बिक रही थी, वह जब वहां पहुंची तो दुकानदार ने उन्हें उन्हीं के भजनों की कैसेट यह कहकर बेची कि "यह सीमा मिश्रा की कैसेट है जो बहुत अच्छा गाती है. 

अंत में भाषा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोक संगीत को प्रोत्साहित करने के लिए पहले भाषा को प्रोत्साहन देना होगा, और भाषा को मान्यता देने की शुरुआत घर से होगी. 

इससे पूर्व राजस्थान फोरम के सदस्य अशोक राही ने कार्यक्रम में आए अतिथियों और कलाकारों का अभिनंदन किया. टॉक शो में मौजूद फोरम के सदस्य पद्मश्री राम किशोर छीपा और पद्मश्री मुन्ना मास्टर ने सीमा मिश्रा को स्मृति चिन्ह भेंट कर फोरम की ओर से उनका अभिनंदन किया. 

इस मौके पर राजस्थान फोरम के सदस्य तिलक गिताई, एस. शाकिर अली, मंजरी महाजनी, विद्या सागर उपाध्याय और सांस्कृतिक समन्वयक सर्वेश भट्ट सहित शहर के चुनिंदा संस्कृति प्रेमी भी मौजूद थे.