Jaipur Literature Festival:पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने आज जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल में कहा कि विपक्ष में बोलने पर आज जेल में डाला जा रहा है, ईडी का दुरुपयोग कर लोगों को डराया जा रहा है, यह आलोकतांत्रिक है, इससे देश कमजोर होता है

Jaipur Literature Festival: डर कर चुप रहना लोकतंत्र को कमजोर बनाता है -रघु राम राजन 

Jaipur Literature Festival:पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने आज जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल में कहा कि विपक्ष में बोलने पर आज जेल में डाला जा रहा है, ईडी का दुरुपयोग कर लोगों को डराया जा रहा है, यह आलोकतांत्रिक है, इससे देश कमजोर होता है

Nawal sharma

Ananya soch: Jaipur Literature Festival

अनन्य सोच। Jaipur Literature Festival: भारत के प्रमुख अर्थशास्त्री व रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने आज Jaipur Literature Festival में कहा कि विपक्ष में बोलने पर आज जेल में डाला जा रहा है, ईडी का दुरुपयोग कर लोगों को डराया जा रहा है, यह आलोकतांत्रिक है, इससे देश कमजोर होता है। सब ठीक है ऐसा बार बार बोलकर आपको भ्रम में डाला जा रहा है और आप चुप हैं. डर कर चुप रहने से कुछ नहीं बदलेगा। मीडिया की भी बड़ी ज़िम्मेदारी है। देश में फ्री स्पीच होगी तभी नये थॉट्स और नये आइडिया आयेंगे. उन्होंने कहा कि सोवियत यूनियन के पतन का भी यही कारण था कि लोग सरकार से नाखुश थे पर बोल नहीं रहे थे. एक दिन यही चुप उनके पतन की वजह बन गई. 

अर्थशास्त्री रोहित लाँबा के साथ अपनी नई पुस्तक “ब्रेकिंग द मॉल्ड: रीइमेजनिंग इंडियाज इकोनॉमिक फ्यूचर” पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी किताब में हमने यही बताया है कि सरकारें आम आदमी के लिए नये रोज़गार कैसे उत्पन्न करें।बेरोज़गारी एक सोशियल क्राइम है जिसका उदाहरण आपने मणिपुर में देख लिया है. हमें शिक्षा स्वास्थ्य व स्किल पर ध्यान देना होगा. कृषि के क्षेत्र में नये अवसर तलाशने होंगे। प्राइवेट सेक्टर को अधिक रोज़गार प्रदक बनाना पड़ेगा. इसके लिए नई टेक्नोलॉजी को अपनाना होगा. आज हमारे यहाँ सो भारत पैदा हो गये हैं। एक भारत वो है जिसके लिये सब आल इन  वेल है. जबकि दूसरा भारत वो है जहां फ़ूड भी सरकार दे रही है. अस्सी करोड़ लोगों को अनाज के पैकेट की नहीं रोज़गार की ज़रुरत है. हमें इस कमजोर भारत को ऊपर उठाना है, उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना है. लेकिन यह तभी संभव है जब सरकार इसमें सहयोग करें. लोगों को अच्छे काम देने होंगे. हमें बड़ी इमारतें खड़ी करने के बजाय ज़्यादा काम के अवसर पैदा करने होंगे. सरकार को विकेन्द्रीकरण पर फ़ोकस करना चाहिए. लेकिन इन सबसे महत्वपूर्ण है सच्चाई को स्वीकार करना और सच बोलने का प्रयत्न करना. आज सच बोलने पर सजा मिल रही है लेकिन यह नहीं करेंगे तो कुछ नहीं हो सकेगा. दिल्ली सरकार ने शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकेन्द्रीकरन करके अच्छा काम किया है. 
हमारी इस नई किताब में आप यह जान सकेंगे कि 
आज का भारत किधर जा रहा है? क्या यह इंग्लैंड को पाँचवे पायदान से पछाड़कर आगे वाकई विकास की राह पर है या अपने लाखों-करोड़ों युवाओं को रोजगार देने में नाकामयाब हो रहा है? भारत आज चौराहे पर है। गलाकाट प्रतियोगिता और ऑटोमेशन इसके विनिर्माण क्षेत्र के लिए खतरा बन गए हैं. इस किताब में हमने यही बताया है कि हम कैसे अपने मानव संसाधन पर ध्यान देकर और अपने मैनुफैक्चरिक सेक्टर को बढ़ाकर देश को तरक्की की राह पर ला सकते हैं. इसके लिए आर्थिक सुधार, संस्थाओं का लोकतांत्रिकरण और विकेंद्रीकरण पर ध्यान देना होगा 
ब्रेकिंग द मोल्ड' के द्वारा हम भारत के आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए रणनीतियों को स्पष्ट करना चाहते है. हमने यहाँ मानव पूंजी में निवेश करने, उच्च-कुशल सेवाओं और नवीन विनिर्माण में अवसरों का विस्तार करने और भारत को विचारों और रचनात्मकता के केंद्र में बदलने का प्रस्ताव किया हैं।

हमारे द्वारा खोजे गये मुख्य आर्थिक उद्देश्यों में  आर्थिक विकास के उत्प्रेरक के रूप में पूंजी निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका ,उच्च-कुशल सेवाओं और विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का प्रस्ताव करते हुए, भारत को नवीन उत्पादों और रचनात्मक प्रयासों के केंद्र के रूप में देखना, भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को स्वीकार करते हुए, शासन सुधारों के माध्यम से प्रगति की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हैं, जिसमें लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करना और अधिक विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देना शामिल है. 
 'ब्रेकिंग द मोल्ड' में हमने एक संतुलित दृष्टिकोण अपनया  है, जो भारतीय प्रतिष्ठान के भीतर सफल प्रयासों की प्रशंसा करता है और साथ ही इसकी कमजोरियों को भी स्पष्ट रूप से संबोधित करता है. 
हम  भारत को ऐतिहासिक बाधाओं से मुक्त होने और भविष्य की संभावनाओं की खोज करते हुए दूरदर्शी मानसिकता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.