राजस्थान की रचनाकारों को एक जगह लाने का स्तुत्य प्रयास : प्रो लाडकुमारी जैन

राजस्थान की रचनाकारों को एक जगह लाने का स्तुत्य प्रयास : प्रो लाडकुमारी जैन

अनन्य सोच। एक और अन्तरीप के विशेषांक “आधी आबादी के राग विराग संदर्भ राजस्थान” एवं प्रेमकृष्ण शर्मा के लघु उपन्यास स्मृति कोश का लोकार्पण आज विनोबा ज्ञान मंदिर में पूर्व कुलपति कोटा विश्व विद्यालय तथा पूर्व चेयरमैन राजस्थान लोक सेवा आयोग प्रो बी एम शर्मा और पूर्व अध्यक्ष राजस्थान महिला आयोग प्रो लाडकुमारी जैन ने किया. 
कार्यक्रम की अध्यक्ष प्रो लाडकुमारी जैन ने कहा एक और अन्तरीप पत्रिका के इस विशेषांक ने राजस्थान की महिला रचनाकारों को एक मंच पर लाने का प्रथम प्रयास किया है जो स्तुत्य है. ऐसे प्रयासों की जरूरत है। मुख्य अतिथि प्रो बी एम शर्मा ने उपन्यास के संदर्भ में कहा कि यह उपन्यास वंचितों  एवं पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संवेदनशील समाज की आवश्यकता पर बल देता है. नई पीढी को संवेदनशील बनाए जाने की जरूरत है. 
प्रलेस के कार्यकारी अध्यक्ष फारूक आफरीदी ने प्रबुद्ध वर्ग को संगठित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया तथा बताया कि एक और अन्तरीप ने हाशिए के रचनाकार समाज को शामिल करके अच्छा कार्य किया है. 
प्रलेस की महा सचिव रजनी मोरवाल का कहना था कि महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए लेखन कर रही हैं. अन्तरीप पत्रिका ने उनके लेखकीय संघर्ष को स्थान देकर ऐतिहासिक कार्य किया है. कार्यक्रम के संयोजक एवं पत्रिका के संपादक डॉ अजय अनुरागी ने इस विशेषांक की सीमाओं एवं समस्याओं को स्पष्ट करते हुए बचे हुए महिला लेखन के लिए एक अन्य विशेषांक की आवश्यकता प्रकट की. प्रधान संपादक प्रेम कृष्ण शर्मा ने अपनी रचना प्रक्रिया तथा एक और अन्तरीप के तीस वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डाला. अंत में समग्र सेवा संघ के सवाई सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया.