Jawahar kala kendra: जेकेके में संगीत संध्या का आयोजन

Jawahar kala kendra: ग़ज़ल और मांड गायकी से सजी शाम  साप्ताहिक संगीत कार्यक्रम की शुरुआत

Jawahar kala kendra: जेकेके में संगीत संध्या का आयोजन

Ananya soch: Jawahar kala kendra

अनन्य सोच। Jawahar kala kendra: रूहानी ग़ज़ल और मरू प्रदेश की संस्कृति का सौंदर्य बयां करते मांड गीतों से गुंजायमान रंगायन सभागार। कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को जवाहर कला केन्द्र में देखने को मिला. मौका था केन्द्र की ओर से मधुरम के अंतर्गत आयोजित संगीत संध्या में युवा कलाकार अतुल राव की गायन प्रस्तुति का. अतुल ने मेहदी हसन, गुलाम अली और जगजीत सिंह जैसे गजल सम्राट की गजलों से समां बांधा. इसी के साथ केन्द्र की ओर से साप्ताहिक संगीत संध्या कार्यक्रम की शुरुआत हुई.

मेहदी हसन की ग़ज़ल, 'रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ' से प्रस्तुति का आगाज किया. जगजीत सिंह की ग़ज़ल, 'होश वालों को खबर क्या' के साथ प्रस्तुति आगे बढ़ी. गुलाम अली की गजल, 'अपनी तस्वीर को आंखों से लगाता क्या' गाकर अतुल ने वाहवाही लूटी. इसके ​बाद उन्होंने रफ्ता-रफ्ता, ये दिल ये पागल दिल मेरा, मुझे तुम नजर से, आज जाने की ज़िद न करो, चुपके चुपके रात दिन जैसी गजलों से समां बांधा. अतुल ने केसरिया बालम गाकर सभी को राजस्थान के रंग में रंग दिया.

तबले पर दिनेश खिंची, सितार पर अल्लाह रक्खा खान, वायलिन पर महावीर, की-बोर्ड पर रहबर हुसैन, गिटार पर पवन बालोटिया ने संगत की.