आरआईसी की curation नहीं, अव्यवस्था सुर्खियों में: अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुति के बीच खाली कुर्सियाँ और बदसलूकी का माहौल
350 सीटों वाले ऑडिटोरियम में 50 दर्शक भी नहीं; मीडिया से भी मैनेजमेंट के दुर्व्यवहार की शिकायतें
Ananya soch:
अनन्य सोच। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में कनाडा की प्रतिष्ठित संस्था सम्प्रदाय डांस क्रिएशंस की नृत्य–नाट्य प्रस्तुति किंत्सुगी कला, दर्शन और भावनाओं का सुंदर संगम जरूर थी, लेकिन इस प्रस्तुति से कहीं ज्यादा चर्चा आरआईसी की अव्यवस्था और उदासीनता की रही. 350 सीटों वाले मुख्य ऑडिटोरियम में दर्शकों की संख्या 50 तक भी नहीं पहुँची—और यह स्थिति यहाँ के लिए अब सामान्य होती जा रही है.
जापानी कला ‘किंत्सुगी’ से प्रेरित इस प्रस्तुति ने टूटन और पुनर्निर्माण की अवधारणा को महाभारत के प्रसंगों के साथ जोड़ते हुए प्रस्तुति दी. वरिष्ठ नर्तकी लता पड़ा और कलात्मक निर्देशक सुमासुरेश द्वारा तैयार मंचन संवेदनशील और कलात्मक था. छह प्रशिक्षित नर्तकों की टीम ने भरतनाट्यम, कथक और समकालीन नृत्य को सुंदर संरचना में पेश किया. लेकिन जब देखने वाला ही नहीं, तो इतनी बेहतरीन कला भी खाली कुर्सियों के बीच गुम होकर रह गई.
मैनेजमेंट का व्यवहार बना सबसे बड़ी बाधा: मीडिया को किया परेशान
आरआईसी में मैनेजमेंट के अभद्र व्यवहार की शिकायतें अब आम हो चुकी हैं. बुधवार को भी वही दृश्य दोहराया गया—अंदर मंच पर अंतरराष्ट्रीय कलाकार अपनी कला से प्रभाव छोड़ने की कोशिश कर रहे थे, जबकि बाहर प्रवेश द्वार पर मीडिया से मैनेजमेंट के टकराव की चर्चाएँ चल रही थीं. उनसे बेवजह सवाल पूछे गए और कई बार असभ्य लहजे में डांट-फटकार भी देखने को मिली. ऐसा व्यवहार यहाँ अक्सर देखने को मिलता है; शिकायत करने पर स्टाफ का सीधा जवाब होता है—
“हम अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.”
सबसे चिंताजनक बात यह रही कि मीडिया प्रतिनिधियों के साथ भी मैनेजमेंट ने दुर्व्यवहार किया. कवरेज के लिए आए पत्रकारों को रोकना, कैमरा और पास को लेकर अनावश्यक पूछताछ, तेज आवाज में बात करना—इन सबने यह साफ कर दिया कि मैनेजमेंट न दर्शकों को लेकर संवेदनशील है, न प्रेस को लेकर. कई पत्रकारों ने कहा कि आरआईसी की यह शैली मीडिया कवरेज को हतोत्साहित करती है और संस्था की छवि पर नकारात्मक असर डालती है.
कमजोर प्रमोशन और गैर-प्रोफेशनल मैनेजमेंट की वजह से कार्यक्रम फीका
अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम का शहर में कोई बड़ा प्रचार नहीं हुआ. न सोशल मीडिया, न ग्राउंड प्रमोशन—नतीजा साफ दिखा: खाली ऑडिटोरियम और कलाकारों का मेहनतभरा प्रदर्शन बेअसर.
आरआईसी का पक्ष
जानकारी के अनुसार आरआईसी की ओर से कहा,
“किंत्सुगी बड़ा प्रोडक्शन था, इसलिए इसे मिनी ऑडिटोरियम में नहीं किया जा सकता था. ऑडियंस करीब 100 रही. हाँ, मानता हूँ कि प्रमोशन कमजोर रहा. बदसलूकी की जानकारी नहीं है। अगर हुआ है तो गलत है.