dono movie: दोनों मूवी के प्रमोशन के लिए जयपुर आई राजवीर, अवनीश और पलोमा

dono movie: मां ही लाई थी इंडस्ट्री में वेनिटी वैन का ट्रेंड हां मां ही इंडस्ट्री में सबसे पहले वेनिटी वैन का ट्रेंड लेकर आई थी. उनके पास जो उस जमाने में वेनिटी वैन थी, उसको मैंने भी देखा है. बहुत लंबे समय तक वह हमारे यहां खड़ी थी. हालांकि अब नहीं है. मां मिस इंडिया रही थी और उनका यशजी ने देखा था. यह किस्सा और कहानी है बॉलीवुड एक्ट्रेस पूनम ढिल्लों की बेटी पलोमा ढिल्लों के, जो उन्होंने सनी देओल के बेट राजवीर देओल और निर्देशक अवनीश एस बड़जात्या के साथ जयपुर में शेयर किए. तीनों यहां अपनी डेब्यू मूवी दोनों के प्रमोशन के लिए आए थे. इस दौरान उन्होंने मूवी के साथ-साथ फिल्मी खानदान पर बात की. साथ ही जयपुर में फिल्म का गाना खम्मा घनी रिलीज किया.

dono movie: दोनों मूवी के प्रमोशन के लिए जयपुर आई राजवीर, अवनीश और पलोमा

Ananya soch: dono movie

अनन्य सोच, जयपुर। dono movie: बॉलीवुड एक्ट्रेस पूनम ढिल्लों की बेटी पलोमा ढिल्लों, सनी देओल के बेट राजवीर देओल और निर्देशक अवनीश एस बड़जात्या तीनों जयपुर के एक होटल में अपनी डेब्यू मूवी दोनों के प्रमोशन के लिए आए थे. इस दौरान उन्होंने मूवी के साथ-साथ फिल्मी खानदान पर बात की. साथ ही जयपुर में फिल्म का गाना खम्मा घनी रिलीज किया.

-प्रेशर नहीं, जिम्मेदारी है:
अवनीश ने कहा, कोई प्रेशर नहीं है. मैं मानता हूं ये एक जिम्मेदारी है, जिसे हमें निभाना है. हमारे सीनियर्स ने जो कमाया है, उसे आगे बढ़ाना और फिल्म मेहतनत से बनाना ही लक्ष्य है. इससे हमारे सीनियर्स हम पर गर्व करें। ये ही हमारी कोशिश है. हर डायरेक्टर चाहत है, जो लिखा है उसे सही एक्टर और एक्टर्स निभाए. हां मैंने पिता को असिस्ट किया है और उन्हीं से तकनीकी सीखी है. मैंने देखा था, कि ऊंचाई मूवी के दौरान पहाड़ भी चढ़ रहे थे. वे चाहते तो मुझे बोल देते, कि ये शॉर्ट ले ला, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हर छोटे से छोटा शॉर्ट उन्होंने स्वयं पूरा किया. मैंने भी ये ही अपनाने की काशिश की, कि कोई शॉर्ट छोटा नहीं होता है. 
बात की जाए इस मूवी के नाम की तो, जब लिख रहे तो बहुत टाइम तक टाइटल मिल नहीं रहा था. फिर फिर गाने में से दोनों शब्द उठाया और मूवी का नाम दोनों हो गया. 

हां मैं राजस्थानी:
अवनीश ने कहा, हां मैं राजस्थानी हूं. हमारा तो घर ही जयपुर में है। उसी बंगले में मैंने साइकिल चलाना सीखा था. ऐसे में राजस्थानी पृष्ठभूमि की मूवी भी बनाने की इच्छा है. यदि अच्छी कहानी मिलेगी तो जरूर यहां पर एक मूवी बनाउंगा.

-इत्तेफाक है तीनों का डेब्यू साथ होना:
राजवीर ने कहा, तीनों का डेब्यू साथ होना कोई प्लानिंग नहीं थी. ये एक इत्तेफाक है। मैं करेक्टर से काफी रिलेट कर सकता था, इसलिए ये मूवी की. 
बात की जाए परिवार से टिप्स मिलने की तो बहुत से टिप्स मिले. घर वालों ने कहा, पूरा फोकस करो. दूसरी चीजों के लिए मत सोचो. स्टार बनने की नहीं, एक्टिंग पर ध्यान दो. 
बात की जाए गदर-2 की तो मैं बहुत खुश हूं। 22 साल के बाद हिट आई है. पिता की कई मूवी-यहां वहां हो गई. ये उनका स्ट्रगल और मेहनत दर्शाता है। मुझे उनकी अर्जुन मूवी बहुत पसंद है. 

-पहले एथलीट थी, फिर चुनी एक्टिंग:
पलोमा ने कहा, बचपन में तो मैं एथलीट थी. फिर कॉलेज में आई तो सिर्फ एक्टिंग के बारे में सोचती थी. कभी पीछे नहीं देखा और इसी में लगी रही. बात की जाए मेरे करेक्टर की तो 25 साल की लड़की का करेक्टर है, जो मुंबई में रिलेशनिशप में थी. इसके बाद कैसे मोड़ लेकर कहानी आगे बढ़ती है, यह सब मूवी में दर्शाया गया है. 
उन्होंने कहा, मां सबसे बड़ी प्रेरणा है. मां बहुत खुश हैं. प्राउट फील कर रही है. हां मां मिस इंडिया रही थी, लेकिन हर किसी का अलग जर्नी होता है. मैंने क्राउन जीतने के बारे में नहीं सोचा. बात की जाए उनकी मूवीज की तो त्रिशूल और तेरी मेहरबानियां काफी पसंद है.