theatre play: बीवियों का मदरसा से दर्शन हुए लोटपोट

theatre play: बीवियों का मदरसा से दर्शन हुए लोटपोट

Ananya soch: theatre play 

अनन्य सोच, जयपुरtheatre play biwiyon ka madarsa: रवींद्र मंच जयपुर के 60 वर्ष पूर्ण होने पर हीरक जयंती समारोह के अवसर पर कला साहित्य संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, राजस्थान सरकार एवं रवींद्र मंच की टैगोर योजना के अंतर्गत शुक्रवार को नाटक बीवियों का मदरसा (biwiyon ka madarsa) का मंचन किया गया.

नाटक के लेखक मौलियर एवम सूफियान सूफी निर्देशक है. नाटक में कलाकारों ने चुटिले अंदाज़ में दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. नाटक में पचास साल के अमीर हनीफ मुहम्मद को पक्का यकीन है कि पूरी औरत जात बेईमान है और अपने शौहरों से बेवफाई करती हैं. इस वजह से उसने आज तक निकाह नहीं किया और तय किया कि अपनी बीवी को अपने हिसाब से तैयार करेगा. इसलिए हनीफ एक बच्ची को अपने एक ख़ुफ़िया घर में दो नौकरों की देखरेख में पूरी दुनिया से छिपा कर रखता है, उसे अच्छी बीवी बनने की शिक्षा और प्रशिक्षण देता है ताकि बड़ी होने पर वह उससे निकाह कर सके. लेकिन हुस्नआरा ने एक नौजवान को देख लिया और दोनों एक दूसरे के साथ इश्क़ कर बैठे. पूरा नाटक में हास्य व व्यंग्य से भरपूर था.

दर्शकों ने जमकर लुत्फ़ उठाया. नाटक में विनोद सोनी, गौरव खांडेल, द्रविल छावड़ा, गरिमा चौधरी, मंशा सोलंकी, गौरव निर्वाण, मानस समीर राजपूत, राजेश, प्रदीप सोलंकी ने किरदार निभाए । लाइट डिजाइन उज्जवल प्रकाश मिश्रा ने की. संगीत प्रदीप सोलंकी ने किया.

मंच की मैनेजर सोविला माथुर ने बताया कि कार्यक्रम में प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, टी.वी. एवं फिल्म जगत के कलाकार, कला प्रेमी, समाज सेवी, दर्शक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.