पुराने जोगियों ने नई पीढ़ी पर  जगाया प्राचीन संगीत का जादू

पुराने जोगियों ने नई पीढ़ी पर  जगाया प्राचीन संगीत का जादू

अनन्य सोच। बुजुर्ग सुल्तान जोगी ने अपनी खनकदार आवाज में देहाती जननायक दुल्ला धाडी़  की कथा सुना कर नई पीढ़ी पर लोक संगीत के जादू को जागृत कर दिया.भगवान, सुल्तान ,अशोक, सुमेर और जय नारायण जोगी ने " संगत "में झालाना कच्ची बस्ती के छात्र-छात्राओं को परंपरागत लोकगीत और लोकभजन सुनाए. राजस्थान फोरम (Rajasthan forum) के सहयोग से पीपुल्स मीडिया थिएटर (People's Media Theater) के बैनर तले सखी बाल निकेतन विद्यालय के प्रांगण में बच्चों और बस्ती की महिलाओं के लिए आयोजित संगत में इन कलाकारों ने पूंगी, सारंगी, पेटी बाजा, ढोलक और चिमटे पर शिवजी का ब्यावला ,राजा गोपीचंद और योगीराज भरथरी के कथा गीतों के साथ आम जन में  गाते जाने वाले लोक भजन भी सुनाएं.

संगत का विशेष आकर्षण बकरी की खाल से बना लोकवाद्य पूंगी था. एक जमाने में पूंगी वादक गली-गली इसे खूब बजाते थे. संगत के संयोजक और राजस्थान फोरम के प्रतिनिधि अशोक राही ने बताया की संगत का आयोजन का उद्देश्य पुरानी गायिकी, पुराने लोक वाद्य और प्राचीन लोक गाथाओं को नई पीढ़ी के सामने लाना है ताकि उनका अपनी समृद्धि जन संस्कृति से परिचय हो सके. उनका कहना था कि हैरत कब हुई जब नई पीढ़ी के अनेक छात्र-छात्राओं ने पूंगी मशक को पहली बार देखा और सुना. संगत के  आयोजन में हल्की फुहारों के बीच गुलाबी नगर के कई संस्कृति प्रेमी पहुंचे, जिनमें वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम सैनी, रंगकर्मी यशवंत सिंह, अभिनेता नितिन सैनी और हनुमान का किरदार निभाकर प्रसिद्धि पाये आधार कोठारी प्रमुख थे. औपचारिक कार्यक्रम समाप्त होने के बाद  भी बस्ती की दर्जन भर महिलाओं ने इन जोगी कलाकारों से बालाजी, गणपति और राजा रिसालू के लोक भजन सुने. 

कार्यक्रम की शुरुआत में सखी बाल निकेतन के संयोजक गोपाल सिंह, सुनीता यादव और बस्ती के बच्चों को निशुल्क पढ़ने वाले युवा शिक्षकों ने सभी मेहमान कलाकारों का तिलक लगा,माला पहना कर स्वागत किया.