JKK: जेकेके में ध्रुवपद गायन प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ

Classical Mode Dhrupad Training: 80 से अधिक प्रतिभागी ले रहे शास्त्रीय विधा ध्रुवपद का प्रशिक्षण विशेषज्ञ प्रो. डॉ. मधु भट्ट तैलंग सिखाएंगी गुर

JKK: जेकेके में ध्रुवपद गायन प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ

Ananya soch: Classical Mode Dhrupad Training

अनन्य सोच, जयपुर। Classical Mode Dhrupad Training:  जवाहर कला केन्द्र (jawahar kala kendra) के प्रयास कला संसार मधुरम के अंतर्गत आयोजित ध्रुवपद गायन प्रशिक्षण कार्यशाला की मंगलवार को शुरुआत हुई. यह 10 दिवसीय कार्यशाला 7 दिसंबर तक चलेगी. ध्रुवपद गायिका विशेषज्ञ प्रो. डॉ. मधु भट्ट तैलंग 80 से अधिक प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देंगी. केन्द्र की महानिदेशक गायत्री राठौड़, अति. महानिदेशक प्रियंका जोधावत व प्रशिक्षक डॉ. मधु भट्ट तैलंग ने नटराज की मूर्ति पर माल्यार्पण कर कार्यशाला का उद्घाटन किया. इस अवसर पर गायत्री राठौड़ ने कहा कि केन्द्र की ओर से आयोजित कार्यशालाओं के जरिए नयी पीढ़ी तक कला विधाओं को पहुंचाकर भावी कलाकार तैयार किए जा रहे हैं. 16+ आयु वर्ग के प्रतिभागी इसमें हिस्सा ले रहे हैं यह युवाओं में शास्त्रीय विधा के प्रति रुझान को दर्शाता है, अधिक से अधिक कलाकार कार्यशाला में शामिल हो सके इसके लिए आवदेन जारी रखे गए हैं.

राजस्थान की ध्रुवपद परंपरा के सबसे वरिष्ठ प्रतिनिधि ध्रुवपदाचार्य पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग की शिष्य प्रो. डॉ. मधु भट्ट तैलंग ने बताया कि कार्यशाला में ध्रुवपद की विशिष्ट तालीम के साथ शास्त्रीय संगीत की बारीकियों के भी गुर बताये जाएंगे. उन्होंने कार्यशाला का प्रारंभ परम्परानुसार आदि राग भैरव एवं उसके प्रकारों में ओंकार साधना से प्रारम्भ कर गणपति वैदिक स्तोत्र, गुरु वंदना एवं सरस्वती स्तोत्र से की. उन्होंने ध्रुवपद की विद्वानों द्वारा की गयी व्याख्या एवं ध्रुवपद की वाणियों के स्वरूप एवं घरानों पर भी प्रकाश डाला. डॉ. मधु भट्ट तैलंग ने कहा कि आगामी दिनों में ध्रुवपद के प्रमुख तत्वों यथा स्वर, ताल, लय, साहित्य, भाव एवं उसके सौंदर्य  को साधने के लिए शास्त्रीय संगीत के सही अभ्यासात्मक तरीकों का बारीक प्रशिक्षण दिया जाएगा. कार्यशाला के समापन पर प्रतिभागियों की प्रस्तुति भी होगी.