Sarthak Manav Leprosy Ashram: सार्थक मानव कुष्ठाश्रम द्वारा अखिल भारतीय कुष्ठ रोग उन्मूलन अधिवेशन आयोजित
Sarthak Manav Leprosy Ashram: कुष्ठ रोगियों की पहचान और इलाज के साथ उनके पुनर्वास के लिए हो प्रभावी कार्य - राज्यपाल
Ananya soch: Sarthak Manav Leprosy Ashram
अनन्य सोच। Sarthak Manav Leprosy Ashram: राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि कुष्ठ रोगियों की पहचान और इलाज के साथ-साथ उनके पुनर्वास के लिए भी प्रभावी प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि साझा प्रयास के अंतर्गत सरकार और आम जन की भागीदारी हो तो कुष्ठ रोग से मुक्ति के पथ पर राष्ट्र तेजी से अग्रसर हो सकता है. उन्होंने कुष्ठ रोगियों के कौशल विकास के अधिकाधिक कार्यक्रम चलाए जाने और उन्हे आत्मनिर्भर बनाए जाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने का आह्वान किया.
मिश्र गुरुवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सार्थक मानव कुष्ठाश्रम द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कुष्ठ रोग उन्मूलन अधिवेशन में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग का इलाज जितना महत्वपूर्ण है उतना ही महत्व इस रोग से जुड़े लोगों की सेवा करना भी है. उन्होंने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा के साथ कुष्ठरोग पीढ़ियों का पुनरोद्धार भी सबसे बड़ा धर्म है. उन्होंने कहा कि मंदिर में जाकर पूजा और यज्ञ करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, वहीं पुण्य दीन-दुखियों की सेवा करने और उनको सम्मान से जीवन जीने के अवसर प्रदान करने से मिलता है. उन्होंने सार्थक मानव कुष्ठाश्रम द्वारा कुष्ठ रोग उन्मूलन, उनके स्वावलंबन और वृद्धाश्रम संचालन गतिविधियों की सराहना की.
मिश्र ने चिंता जताई कि विश्व की कुल कुष्ठ जनसंख्या का लगभग आधा भाग दुर्भाग्य से हमारे देश में है. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पूरे विश्व में 120 से अधिक देशों में यह रोग फैला हुआ है. हर साल 2 लाख से अधिक नए कुष्ठ रोग के मामले सामने आते हैं. उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए कुष्ठ रोग के इलाज के लिएं व्यावहारिक प्रयास किए जाएं। इसमें जन भागीदारी को बढ़ाया जाए.
राज्यपाल ने सार्थक मानव कुष्ठाश्रम के अंतर्गत की जा रही सेवा से प्रेरणा लेकर जर्मन महिला थिया कोसे मुकली द्वारा 'लेबेन ओहने लेप्रा' की स्थापना और उनकी पुत्री एस्ट्रिड मुकली के कार्यों को अनुकरणीय बताया.
उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए वातावरण निर्माण पर जोर दिया। उन्होंने कुष्ठ रोग निवारण के लिए महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश तथा देशभर में हो रहे प्रयासों में अपनी भागीदारी के अनुभव भी साझा किए. माया रनावरे सार्थक मानव कुष्ठाश्रम के संरक्षक के. एल. जैन और महावीर विकलांग संस्थान के संरक्षक डा. डी. आर. मेहता ने भी कुष्ठ रोग निदान के लिए कार्य करने पर विचार रखे. आरंभ में सार्थक मानव कुष्ठाश्रम के अध्यक्ष सुरेश कौल ने संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी. राज्यपाल ने संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्य पढ़कर सुनाए.
अधिवेशन के तकनीकी सत्र में कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों की सामाजिक, आर्थिक स्थितिंस जुड़े मुद्दों, नागरिक एजेंसियों द्वारा शुरू किए गए कल्याणकारी उपायों, इससे जुड़े कानूनों, कुष्ठरोग से प्रभावित व्यक्तियों के समक्ष भेदभाव और भविष्य की आने वाली चुनौतियों पर विषय विशेषज्ञों ने विचार रखे.