कुंभ में जाना और धार्मिक आस्था निजी मामला : शशि थरूर

नवल पांडेय।

कुंभ में जाना और धार्मिक आस्था निजी मामला : शशि थरूर

Ananya soch: Going to Kumbh and religious faith are a personal matter: Shashi Tharoor

अनन्य सोच। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आज का दिन कांग्रेस सांसद और लोकप्रिय नेता Shashi Tharoor के नाम रहा. उनके तीन सत्र आयोजित किए गए, और सभी में भारी भीड़ उमड़ी. इन सत्रों में उन्होंने हिंदू, हिंदुत्व, बजट, महाकुंभ और इंडिया गठबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी. 

बजट में कुछ भी नहीं – शशि थरूर

बजट पर चर्चा करते हुए शशि थरूर ने केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस बजट में जनता के लिए कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा,

“आपको टैक्स में राहत मिल रही होगी, लेकिन आपकी जेब में पैसा नहीं आ रहा है। मैंने पूरे बजट भाषण में ‘बेरोजगारी’ शब्द तक नहीं सुना. अगर आप रोजगार की तलाश में दिल्ली, बिहार जैसे राज्यों से आ रहे हैं, तो यह बजट आपको निराश करेगा. दूसरी ओर, अगर आपकी सैलरी 1 लाख रुपये है, तो यह आपको खुश कर सकता है.”

थरूर ने केंद्र सरकार की रोजगार नीति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पहले 10,000 करोड़ रुपये के रोजगार सृजन की बात कही गई थी, लेकिन अब इसे घटाकर 6,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. उन्होंने इसे अपर्याप्त बताते हुए कहा कि इस समस्या का कोई ठोस समाधान सरकार की ओर से नहीं दिया गया है. 

मनरेगा मजदूर सात-आठ महीने से अपने पैसे का इंतजार कर रहे हैं

थरूर ने मनरेगा योजना की स्थिति पर चिंता जताई और सरकार पर मजदूरों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मनरेगा मजदूरों को सात-आठ महीने से उनके पैसे नहीं मिले हैं, लेकिन वे सरकार की प्राथमिकता में नहीं हैं। केंद्र सरकार केवल कुछ वर्गों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है, जिससे देश का एक बड़ा तबका प्रभावित हो रहा है. ”

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यदि सरकार गरीब और मजदूर वर्ग की समस्याओं को हल करने पर ध्यान नहीं देगी, तो इससे देश की सामाजिक और आर्थिक असमानता और अधिक बढ़ जाएगी. 

दिल्ली चुनाव में INDIA गठबंधन एक साथ नहीं

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भी शशि थरूर ने बड़ी टिप्पणी की। उन्होंने स्पष्ट किया कि लोकसभा चुनाव में INDIA गठबंधन एक साथ था, लेकिन अब दिल्ली चुनाव में ऐसा नहीं होगा. 

उन्होंने कहा,“जब यह गठबंधन बना था, तब से यह साफ था कि यह राज्यों में अलग-अलग परिस्थितियों में काम करेगा. इसलिए, दिल्ली चुनाव में INDIA गठबंधन की पार्टियां अलग-अलग लड़ेंगी. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि गठबंधन खत्म हो गया है. इसे शोकगीत की तरह नहीं पढ़ा जाना चाहिए और न ही इसका जश्न मनाया जाना चाहिए.”

थरूर ने यह भी कहा कि गठबंधन का प्रभाव राज्यों की राजनीतिक संरचना पर निर्भर करेगा और प्रत्येक राज्य में परिस्थितियां अलग हो सकती हैं. 

धर्म और आस्था निजी मामला है

धर्म, आस्था और धार्मिक आयोजनों को लेकर शशि थरूर ने साफ शब्दों में कहा कि यह पूरी तरह से व्यक्तिगत मामला है. उन्होंने कहा,“अगर कोई मंदिर या कुंभ में जाना चाहता है, तो यह उसका निजी निर्णय है. राम मंदिर जाना या न जाना यह मेरी पार्टी या कोई और पार्टी तय नहीं करेगी.”

उन्होंने खुद के कुंभ में जाने के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि जब वे कुंभ गए, तो उन्हें वीआईपी सुरक्षा और विशेष सुविधाएं दी गईं. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यदि इससे आम लोगों को असुविधा होती है, तो वे ऐसे आयोजनों में शामिल होना पसंद नहीं करेंगे. 

थरूर ने पंडित नेहरू का एक उदाहरण देते हुए कहा, “नेहरू जी 1957 में कुंभ गए थे। उस दौरान कहीं दूर भगदड़ मच गई थी और कुछ लोग मारे गए थे. तब उन्होंने कहा था कि वीआईपी लोगों को ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए, बल्कि आम लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसी सोच को ध्यान में रखते हुए, मैं भी इस बात का समर्थन करता हूं.”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी को भी यह अधिकार नहीं होना चाहिए कि वह किसी के सनातनी या धार्मिक होने का प्रमाण मांगे. उन्होंने कहा, “अगर मेरे स्टाफ में से कोई कुंभ जाना चाहता है, तो वह जा सकता है। मैं उसकी मदद करूंगा. लेकिन मैं किसी को यह अधिकार नहीं दूंगा कि वह इस आधार पर मेरे सनातनी होने या न होने का सबूत मांगे.”

निष्कर्ष

शशि थरूर के इन बयानों ने बजट, बेरोजगारी, INDIA गठबंधन और धर्म को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया है. उन्होंने अपने विचारों को स्पष्ट शब्दों में रखते हुए यह संदेश दिया कि धर्म और आस्था व्यक्तिगत विषय हैं और किसी को भी इसका राजनीतिक फायदा नहीं उठाना चाहिए. साथ ही, उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि यह बजट आम जनता के लिए कोई राहत नहीं लाया है. 

उनके इन विचारों पर देशभर में चर्चा जारी रहेगी और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस पर किस तरह की राजनीतिक प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं.